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कासगंज। धन-धान्य की देवी माता लक्ष्मी रविवार को घरों पर दस्तक देंगी। इस बार महालक्ष्मी, आयुष्मान और सौभाग्य योग सहित आठ योग बन रहे हें। जिसे ज्योतिष काफी शुभ मान रहे हैं। दशकों बाद बन रहे एक साथ इतने योग के काफी शुभ फल मिलेंगे। भक्तों पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसेगी।
धन की देवी की अपने ऊपर कृपा हर कोई चाहता है। दिवाली पर तो उनकी पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन इस बार दिवाली पूजा का महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिषों की मानें तो दिवाली पर गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के होंगे। इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बनेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह योग मान-सम्मान और लाभ देने वाला साबित होता है। वहीं हर्ष योग धन में वृद्धि और यश दिलाता है। जबकि बाकी काहल ,उभयचरी और दुर्धरा योग शुभता और शांति दिलाता है। वहीं कई सालों बाद दिवाली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा जब शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे।
सबसे पहले करें चौकी की स्थापना
चौकी पर लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे। लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें। कलश में गंगाजल भरकर लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर कलश पर रखें। दो बड़े दीपक रखें। एक में घी भरें व दूसरे में तेल। एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में। इसके अतिरिक्त एक दीपक गणेशजी के पास रखें। मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं। गणेशजी की ओर चावल की सोलह ढेरिया बनाएं। इनके बीच स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। इसके बीच में सुपारी रखें व चारों कोनों पर चावल की ढेरी। सबसे ऊपर बीचोबीच ऊं लिखें। छोटी चौकी के सामने तीन थाली व जल भरकर कलश रखें। पहली थाली में ग्यारह दीपक, दूसरी में खील, बताशे मिठाई, वस्त्र आभूषण, चंदन का लेप, सिंदूर, कुमकुम, सुपारी, पान, तीसरी में कमल या गुलाब का फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची केसर.कपूर, हल्दी चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती एक दीपक रखें।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त .
इस साल अमावस्या तिथि दोपहर ढाई बजे के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। शास्त्रों के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या की रात को होती है। इस वजह से दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा 12 नवंबर को रात को होगी। अमावस्या तिथि 13 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक ही रहेगी।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त:
शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक।
अवधि: 01 घंटा 54 मिनट
प्रदोष काल- 05:29 से 08:07 तक
वृषभ काल- 05:40 से 07 :36 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 01:26 से 02:47 तक
सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल)- 05:29 से 10:26 तक
रात्रि मुहूर्त् (लाभ)- 01:44 से 03:23 तक
उषाकाल मुहूर्त् (शुभ)- 05:02 से 06:41 तक
दिवाली पर्व पर इस बार दीपावली पर इस तरह के शुभ योग कई दशकों के बाद बना है। ऐसे में इस शुभ योग में दिवाली सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगलकामना देने वाली साबित होगी- पं. मुकुंद बल्लभ भट्ट, ज्योतिषाचार्य
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