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– फोटो : istock
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आगरा के ताजगंज थानाक्षेत्र में 8 साल पहले एक महिला की जलाकर हत्या की गई थी। अपर जिला जज अपूर्व सिंह ने पति अंसार उर्फ मुन्ना को दोषी पाया। उसे आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। मृत्यु के पहले महिला के बयान और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई है। वहीं सह अभियुक्त कल्लू के विरुद्ध अपराध साबित न होने पर कोर्ट ने उसे बरी कर दिया।
यहां का है मामला
ताजगंज थाने में 12 जून 2015 को रईसा पत्नी चिराग उद्दीन ने तहरीर दी थी। बताया कि उनकी बेटी फरजाना की शादी पक्की सराय निवासी अंसार उर्फ मुन्ना के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज के लिए उत्पीड़न करने लगे। 12 जून 2015 को सुबह ससुराल में पति अंसार उर्फ मुन्ना, रईस, फहीम, कल्लू, इसरार, पप्पन, ससुर हाजी खलील व अन्य परिवार के लोगों ने बेटी के ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी।
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एसएन में रही थी भर्ती
रईसा ने बताया कि पड़ोसियों की सूचना पर वह लोग पहुंचे तो बेटी जली पड़ी थी। एसएन में भर्ती कराया। कुछ दिन बाद मौत हो गई। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी शशि शर्मा ने वादिनी सहित 10 गवाह और हत्या से जुड़े सबूत कोर्ट में पेश किए। पुलिस ने विवेचना के बाद केवल अंसार उर्फ मुन्ना व कल्लू के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। कोर्ट ने सह अभियुक्त कल्लू के विरुद्ध अपराध साबित न होने पर उसे बरी कर दिया।
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