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धर्मशाला
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के टीला माईथान की राय बहादुर विशंभर नाथ धर्मशाला में शुक्रवार को जर्जर भवनों को तोड़ा गया। दो मकान पूरी तरह टूट गए, अभी 6 और तोड़े जाएंगे। टूटे मकानों के मलबे में बच्चों की कॉपी-किताबें, पेंटिंग और टूटे खिलौने दिखे। सामानों की ऐसी दुर्दशा देख परिजन और मजदूर दोनों की आंख डबडबा गईं।
शुक्रवार को मंदिर के पास के दोनों भवनों को तोड़ने का काम पूरा कर लिया गया। यहां मलबे से वाशिंग मशीन पूरी तरह से टूटी निकली। खिड़की दरवाजे और गर्डर को एक ओर रखा गया। यहां कुल 8 मकानों को तोड़ा जाना है, जिनमें से 6 मकान अब भी तोड़ने बाकी है। यहां दो मकानों का मलबा मिट्टी पर गिरा है, जिसके ऊपर और मिट्टी भरी जाएगी, ताकि मशीन और ऊपर तक रैंप बनाकर जा सकें।
नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, प्रशासन के कर्मचारी यहां पूरे दिन बने रहे। मलबे से निकले सामान को परिवारों के सुपुर्द कर दिया गया। जो मजदूर यहां हाथों से जर्जर मकानों को तोड़कर सामान निकाल रहे हैं, वह पुराने भवन तोड़ने के विशेषज्ञ हैं और पुराने शहर की कई हवेलियों को तोड़ चुके हैं।
एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि दो मकानों को हाथ से तोड़ने का काम पूरा कर लिया गया है। जो हिस्से बेहद जर्जर थे, उन्हें सावधानी से तोड़ा गया है और लोगों का सामान भी घरों से निकाल कर उनके सुपुर्द कर दिया गया है। अब मेट्रो के जरिए और मिट्टी यहां डलवाई जाएगी ताकि मशीनें और ऊपर तक जा सकें। यहां कुल 8 जर्जर भवनों को तोड़ा जाएगा।
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