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दरोगा भर्ती परीक्षा में धांधली कराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए चार आरोपी।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आगरा में दरोगा भर्ती परीक्षा में परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी एनएसईआईटी ने धांधली की थी। यह ऑनलाइन परीक्षा 12 नवंबर 2021 से दो दिसंबर 2021 के बीच कराई गई थी। कंपनी के क्लस्टर हेड सहित चार लोगों को थाना सिकंदरा पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा है। आरोपियों ने बताया कि सेंटर पर स्क्रीन शेयर एप की मदद से सॉल्वर से परीक्षा करवाई जाती थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ के पुलिस अधीक्षक हफीजुर रहमान ने सिकंदरा थाने में दो मुकदमे दर्ज कराए थे। एक मुकदमा वर्ष 2022 और दूसरा जनवरी 2023 में दर्ज कराया गया। अभ्यर्थियों ने चार मिनट 32 सेकेंड में 40 से अधिक प्रश्नों के जवाब दिए थे। एक प्रश्न को हल करने में अभ्यर्थी ने नौ सेकेंड से भी कम समय लगाया था।
सिकंदरा थानेदार ने पूर्व में अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उनसे पूछताछ में कई राज खुले। मुकदमों की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर उत्तमचंद पटेल ने बताया कि परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी भी गड़बड़ी में शामिल थे। उन्होंने परीक्षा केंद्र के लोगों को भी अपने साथ मिला लिया था। जिन अभ्यर्थियों से सेटिंग हो जाती थी उन्हें उस कंप्यूटर पर बैठाया जाता था, जिसका लिंक सॉल्वर के कंप्यूटर से होता था। सॉल्वर की मदद से अभ्यर्थी परीक्षा देते थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी
सिकंदरा पुलिस ने बाग खिन्नी महल, ताजगंज निवासी बहादुर सिंह, प्रवेश यादव (सेक्टर चार ए), फतेहराम (ग्राम फालेन कोसीकलां) व विनायक शर्मा (बिरहाना रोड, कानपुर नगर) को गिरफ्तार करके जेल भेजा है।
विनायक शर्मा है क्लस्टर हेड
पुलिस ने बताया कि आरोपी विनायक शर्मा एनएसईआईटी कंपनी का क्लस्टर हेड है। दरोगा भर्ती ऑनलाइन परीक्षा इसी कंपनी ने आयोजित कराई थी। आरोपी प्रवेश यादव और फतेहराम भी कंपनी के कर्मचारी हैं। वे ऑनलाइन सेंटरों के सर्वर इंचार्ज थे। सिकंदरा क्षेत्र में यश इंफोटेक ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाया गया था। यह सेंटर लाइफ लाइन कॉलेज में तीसरी मंजिल पर है। केंद्र व्यवस्थापक यशपाल भी इनसे मिले हुए थे। उन्हें मुकदमे में आरोपी बनाया गया है। आरोपी बहादुर सिंह सेंटर का आईटी इंचार्ज है।
खराब बताकर कंप्यूटर बदल देते थे
डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों से सेटिंग होती थी उन्हें हाईटेक तरीके से परीक्षा में नकल कराई जाती थी। ऑनलाइन परीक्षा में अभ्यर्थी को एक कंप्यूटर आवंटित किया जाता है। सेटिंग वाले अभ्यर्थी का कंप्यूटर बदल दिया जाता था। उसे आवंटित कंप्यूटर में खराबी बता दी जाती थी। परीक्षा कक्ष में दस से पंद्रह प्रतिशत कंप्यूटर खाली छोड़े जाते हैं। ताकि कंप्यूटर खराब होने पर किसी अभ्यर्थी को दिक्कत नहीं हो। सेटिंग वाले अभ्यर्थी को जो कंप्यूटर दिया जाता था उसका कनेक्शन लैब में दूसरे कंप्यूटर से होता था। दूसरे कंप्यूटर पर सॉल्वर मौजूद रहता था।
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