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![दरोगा निलंबित: सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि के बाद हटा दी धाराएं, पीड़िता की शिकायत पर हुई कार्रवाई daroga suspended Sections removed after confirmation of misdeed action taken on victim's complaint](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/08/01/agra-police_1659326366.jpeg?w=414&dpr=1.0)
आगरा पुलिस की गाड़ी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के ट्रांस यमुना थाने में दर्ज मुकदमे से अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म की धाराएं हटाना विवेचनाधिकारी को महंगा पड़ा। इस मामले में डीसीपी सिटी ने विवेचक एसआई शिवमंगल सिंह को निलंबित कर दिया। थानाध्यक्ष के खिलाफ भी रिपोर्ट दी गई है।
ट्रांस यमुना क्षेत्र निवासी युवती 17 जून 2023 को लापता हुई थी। 12 जुलाई को उसकी मां ने ट्रांस यमुना थाने में कोचिंग संचालक सहित तीन लोगों के खिलाफ धारा 366 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। इसके तीन दिन बाद ही युवती घर लौट आई। युवती ने अपने अगवा करने की बात बताई। उन्होंने बेटी के 164 के बयान दर्ज कराने के लिए कहा। पुलिस 164 के बयान दर्ज नहीं करा रही थी। कई शिकायतों के बाद विवेचक एसआई शिवमंगल ने 4 सितंबर को युवती के 164 के कोर्ट में बयान दर्ज कराए।
5 सितंबर को बयानों का अवलोकन किया। मुकदमे में 376डी की धारा बढ़ाई। एक आरोपी का नाम भी बढ़ाया। कोई नया साक्ष्य संकलित किए बिना 6 अक्तूबर को चार्जशीट लगा दी। मुकदमे से अपहरण और दुष्कर्म की धारा हटा दी गई। चार्जशीट जानलेवा हमला और गाली-गलौज की धारा के तहत लगाई गई। दरोगा ने तर्क दिया कि युवक-युवती में झगड़ा हुआ था। 112 नंबर पर सूचना दी गई थी। यह घटनाक्रम पुराना था। धारा हटाने के पीछे विवेचक के पास कोई ठोस साक्ष्य और आधार नहीं था।
एसीपी छत्ता आरके सिंह ने विवेचक और थानाध्यक्ष के खिलाफ डीसीपी सिटी को गोपनीय रिपोर्ट दी थी। शनिवार को डीसीपी सिटी सूरज राय ने विवेचक शिव मंगल को निलंबित कर दिया। रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को भेजी गई है। दोनों की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
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