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उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में ताज महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में बुधवार की रात सूफी गीतों के नाम रही। यहां मशहूर प्लेबैक सिंगर हर्षदीप कौर ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया। लोग उनके गीतों पर जमकर झूमें। महोत्सव के अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।
ताज महोत्सव में शिल्पग्राम मुक्ताकाशीय मंच में मशहूर प्लेबैक सिंगर हर्षदीप कौर के सूफी गीतों पर संगीत के दीवाने देर रात तक झूमते रहे। रात 9 बजे होने वाली उनकी प्रस्तुति 10:30 शुरू हो सकी। पहले हर्षदीप ने बॉलीवुड फिल्मों के गाने, जो तेरी खातिर तड़पे पहले से ही क्या उसे तड़पाना… जालिमा गाकर युवाओं में जोश भरा।
फिर गुलजार का लिखा गीत- उंगली पकड़कर तूने चलना सिखाया था ना, दहलीज ऊंची है पार करा देना… गया। इसके बाद केसरिया तेरा इश्क है पिया… और फिर देर रात सूफी अंदाज में आज दिन चढ़ेया… फिर कबीरा फिल्म का ओ कैसी तेरी खुदगर्जी गया.. तो श्रोता झूम उठे।
इसके बाद उन्होंने रेशमा का मशहूर गीत टूटे जमाने तेरे हाथ निगोड़े जिनसे दिलों के तूने शीशे तोड़े… लंबी जुदाई गाया तो शिल्पग्राम की रात मदहोश हो उठी। बॉलीवुड गीतों से सजी इस शाम का संचालन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गजल गायक सुधीर नारायण ने किया। रात 12 बजे तक प्रस्तुतियों का सिलसिला जारी रहा।
ताज महोत्सव ते अंतिम दिन शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां हुईं। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। सूफी गीतों पर लोग थिरकते नजर आए। बीती रात बॉलीवुड व सूफी गीतों से सजी रही। कार्यक्रम समाप्त होने तक श्रोता हिले नहीं। वह गीतों पर झूमते रहे।
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