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ताज का हाल
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
ताजमहल में मुख्य गुंबद से लेकर सेंट्रल टैंक, रॉयल गेट, शौचालय तक की सीढ़ियां घिस गई हैं। सीढ़ियों के ऊपर लकड़ियां हिल रहीं हैं। कई जगह इनके जोड़ खुल गए हैं। ऐसे में जरा सी चूक पर्यटकों के लिए जानलेवा हो सकती है। ये हाल तब है जब 2019-20 से 21-22 तक संरक्षण के नाम पर 12.37 करोड़ रुपये भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) खर्च कर चुका है।
मुख्य गुंबद से उतरते समय सीढ़ियों से फिसल कर शनिवार को इटली के 61 वर्षीय पर्यटक डेनिलो घायल हो गए थे। रविवार को अमर उजाला टीम ने स्मारक में पड़ताल की। रॉयल गेट पर सीढि़यों के पत्थर घिस चुके हैं। यहां खड़े होकर पर्यटक फोटोग्राफी करते हैं। ऐसे में पैर फिसल सकता है। सेंट्रल टैंक पर चारों तरफ पत्थर की सीढ़ियां हैं। पत्थर की इन सीढ़ियों को लकड़ियों से कवर किया है। लकड़ियां हिल रही हैं। उनमें जोड़ों पर गैप आ गया है।
चमेली फर्श से मुख्य गुंबद पर जाने के लिए 22 सीढ़ियां हैं। इनके ऊपर लगी लकड़ियां भी घिस गई हैं। उतरते समय भी 22 सीढ़ियां हैं। जिनमें दो सीढ़ियों की लकड़ियां पर्यटकों के वजन से दब गए हैं। यहां उतरने पर पैर फिसलने का खतरा है। इन्हीं सीढि़यों से फिसलकर शनिवार को इटली का पर्यटक घायल हुआ। मेहमान खाने की तरफ से लौटते समय शौचालय की तरफ जाने वाली लकड़ी की सीढ़ियों पर कीलें निकल आई हैं। घटना के 24 घंटे बाद भी सीढ़ियों की मरम्मत नहीं की गई। ऐसे में कदम-कदम पर सीढ़ियां पर्यटकों के लिए दुर्घटना की वजह बन सकती हैं।
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हर सप्ताह आते हैं एक लाख से अधिक पर्यटक
ताजमहल पर पर्यटकों का सर्वाधिक दबाव है। हर सप्ताह एक लाख से अधिक पर्यटक आते हैं। शुक्रवार को ताजमहल बंद रहता है। उस दिन टूट-फूट से लेकर सीढ़ियों की मरम्मत होती है। लेकिन, एक लाख से अधिक पर्यटकों के दबाव के कारण दो-तीन दिन में ही लकड़ियां फिर हिलने लगती हैं।
ताज ने 5 साल में कमाएं 250 करोड़
दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल ने पिछले पांच साल में 250 करोड़ रुपये से अधिक कमाए हैं। ऑफलाइन, ऑनलाइन व रात्रि दर्शन की टिकट बिक्री से ताजमहल अन्य स्मारकों के मुकाबले कमाई के मामले में भी सरताज है। 375 साल पुराने इस स्मारक में संरक्षण के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है।
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कराई जाएगी मरम्मत
पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि घटना के बाद स्मारक में लगी सभी सीढ़ियों का निरीक्षण कराया है। कुछ सीढ़ियों में बदलाव की जरूरत है। जल्द इस कार्य को कराया जाएगा।
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