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बबलू के पड़ोस में रहने वाली कमलेश ने बताया कि उनके घर में बूढ़ी सास सावित्री हैं। वह बीमार रहती हैं। 3 ऋषि, मोहित और सोनम बच्चे हैं। वह किसी तरह तंबाकू फैक्ट्री में काम करके गुजर बसर कर रही हैं। इससे किसी तरह घर चल पाता है। अगर घर खाली करना पड़ा तो वह जाएंगे कहां। किराए पर रहने के लिए पैसे नहीं है। सरकार की तरफ से कोई मदद तो मिली नहीं है। आसरा भी नहीं मिल रहा है।
तीन फुट की है गली
टीला माईथान की जिस गली के बाहर हादसा हुआ, वो शुरूआत में तो 4 फुट की है। अंदर जाने के बाद वो तीन फुट और दो फुट की रह जाती है। इसमें अगर, हादसा हुआ तो मदद मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। तकरीबन 50 से अधिक मकान बने हुए हैं।
एसडीआरएफ की टीम
टीला माईथान में मकान गिरने की आशंका पर एसडीआरएफ की टीम को बुला लिया गया है। इटावा और लखनऊ से 42 सदस्यीय टीम आई है। प्लाटून कंमांडर मोईन खान ने बताया कि मलबा हटाने के दौरान जर्जर भवन गिर सकते हैं। लोगों की मदद टीम करेगी। सामान निकाला जाएगा। रेस्क्यू भी किया जाएगा।
कहां जाएंगे हम ?
मोहल्ले की आरती शर्मा ने बताया कि हादसे में मकान गिर गया है। सामान भी आधा गिर गया। कुछ सामान बचा है। वो तीन दिन से धर्मशाला में रह रहे हैं। पति डब्बू की मौत हो चुकी है। एक बेटे और बेटी के साथ रहती है। किसी तरह काम करके गुजर बसर करती हैं।
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