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उत्तर प्रदेश के एटा जिले में कोतवाली नगर क्षेत्र के अंतर्गत आंबेडकर नगर निवासी अमित कुमार बीएड के बाद यूपी टीईटी, सीटीईटी पास कर चुका था, लेकिन उसे सरकारी नौकरी हासिल नहीं हुई। प्राइवेट नौकरी वह करना नहीं चाहता था। मेहनत-मजदूरी करने वाले पिता ने बच्चों की पढ़ाई में कोई समझौता नहीं किया। अब अपने पिता की मदद न कर पाने का उसे मलाल था।
अमित कुमार ने शनिवार की सुबह करीब 8 बजे फांसी लगाकर जान दे दी। अमित के छोटे मोहित कुमार ने बताया कि भाई प्राइवेट नौकरी नहीं करना चाहते थे। इच्छा थी कि शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी कर परिवार की स्थिति संभालें। पिता राजेंद्र सिंह कचहरी रोड पर फल की ठेल लगाकर हम दोनों को उच्च शिक्षा दिलाई। मैं एक होटल में नौकरी कर रहा हूं। भाई को भी कहीं प्राइवेट नौकरी करने के लिए कहा था। लेकिन वह केवल सरकारी नौकरी ही करना चाहते थे।
बताया कि पूर्व में वह आईटीबी, बीएसएफ, पुलिस आदि की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते रहे। कई परीक्षाएं भी दीं। लेकिन चयन नहीं हो पाया। धीमे-धीमे उम्र बढ़ गई और इस तरह की नौकरी की संभावनाएं खत्म होती गईं। बीएड, सीटीईटी, टीईटी कर शिक्षक बनने की उम्मीद थी। फरवरी माह में केंद्रीय विद्यालय संगठन की परीक्षा देकर आए थे। लेकिन इसका पेपर बहुत अच्छा नहीं गया था, इसे लेकर चिंता में रह रहे थे। वह अवसाद में आ गए थे कि नौकरी नहीं लग पा रही है और उम्र बढ़ती जा रही है। ऐसे में क्या होगा?
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