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जोंस मिल में सरकारी जमीन
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल मामले में एक अधिवक्ता की मौत हो चुकी है। कलक्ट्रेट का नजूल मुहर्रिर निलंबित हो चुका है। तीन बार जांच अधिकारी बदल गए। लेकिन, 2596 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में खुर्दबुर्द का खेल नहीं रुक रहा। भाजपा सरकार में तीन साल से सबसे बड़े जमीनों के फर्जीवाड़े की जांच फाइलों में धूल खा रही है। इधर, भूमाफिया, बिल्डर और साझीदारों के वारिस अकूत संपत्तियां अर्जित करने में जुटे हुए हैं।
ग्रीक व्यापारी मेजर ए जोंस ने 1906 में एक कंपनी बनाई और मिलें खोली। तत्कालीन कलक्टर ने विभिन्न शर्तों के तहत सरकारी भूमि उपलब्ध कराई थी। मेजर जोंस की मौत के बाद उनके साझीदार काबिज हो गए। यहां से 110 बीघा भूमि की खरीद-फरोख्त कर खुर्दबुर्द का खेल शुरू हुआ जो 87 साल बाद भी जारी है। 19 जुलाई 2020 को हुए बम विस्फोट के बाद जोंस मिल कांड चर्चा में आया। तत्कालीन डीएम प्रभु एन सिंह व एसएसपी बबलू कुमार ने जोंस मिल की जमीन व भूमाफिया की जांच के लिए एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी बनाई। दिसंबर 2020 में कमेटी ने 2596 करोड़ रुपये की जमीनों के फर्जीवाड़े का खुलसा किया। जोंस के साझीदार रहे मुन्नी लाल मेहरा, एचएल पाटनी और गंभीरमल पाण्डया के वारिसों को भूमाफिया घोषित करने की संस्तुति की गई। प्रशासन ने राजेंद्र प्रसाद उर्फ रज्जो जैन, कंवलदीप सिंह व हेमेंद्र अग्रवाल को भूमाफिया घोषित कर थाना छत्ता में मुकदमा दर्ज कराया था।
जोंस मिल स्थित मौजा घटवासन के 11 खसरा नंबरों में जमीनों की खरीद-फरोख्त, निर्माण, नक्शा पास करने पर रोक लगाई थी। इनमें 107 करोड़ रुपये की सरकारी भूमि शामिल थी। इस मामले में जोंस की वारिस गीता चीमा की पैरवी कर रहे अधिवक्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। बिल्डर को नजूल भूमि पर एनओसी देने के मामले में नजूल मुहर्रिर निलंबित हो चुका है। डीएम के बदलते ही जांच आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर हो गई। जिसमें तीन जांच अधिकारी बदल गए। लेकिन, जमीनों का खेल नहीं रुका। अब जोंस मिल में लाखों रुपये किराए पर गोदाम बिक रहे हैं। सिंचाई व नजूल भूमि पर बिल्डिंगों में फ्लैट बिक रहे हैं। जबकि जमीन के मामले में जटिलताएं और न बढ़े इसके लिए बिक्री पर रोक है। फिर भी अवैध निर्माण से लेकर खरीद-फरोख्त कर दागी अकूत संपत्तियां अर्जित कर रहे हैं।
बैनामों की कराएंगे जांच
एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह ने बताया कि जोंस मिल में जमीन बिक्री पर रोक है। यदि बैनामा हुए हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। भूमाफिया की संपत्तियां भी चिह्नित कराई जा रही हैं।
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