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थाना पर्यटन में गिरफ्तार टैक्सी चालक लतीफ खान और अहमद अली
– फोटो : अमर उजाला
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जापानी पर्यटकों से टूर पैकेज के नाम पर धोखाधड़ी में पुलिस ने दिल्ली की ट्रैवल एजेंसी के दो टैक्सी चालकों को गिरफ्तार किया है। दोनों पर्यटकों को आगरा ले आए थे। एक पर्यटक को दिल्ली में खतरा बताकर डराया गया था। दूसरे को आगरा आने पर धमकाया गया था। मामले में पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजा है। टूर और ट्रैवल एजेंसी संचालकों की तलाश की जा रही है।
जापानी पर्यटक सकामारो कोता और टेईसी के साथ 21 मार्च को धोखाधड़ी हुई थी। उनसे दिल्ली में टूर पैकेज एक लाख रुपये लेकर बुक किया गया। आगरा लाने पर टैक्सी चालक ने और रकम की मांग की। जान से मारने की धमकी देकर 3000 रुपये छीन लिए। बाद में पर्यटक ने भागकर कैंट चौकी पर पुलिस से मदद मांगी थी। दूसरी घटना 29 मार्च को हुई थी। दिल्ली में खतरा बताकर जापानी तात्सुकी को ठगा गया था। उनसे आगरा के लिए 25 हजार रुपये वसूले गए। टैक्सी चालक उन्हें फतेहाबाद रोड पर छोड़कर भाग गया था।
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दिल्ली के गोल मार्केट में है ट्रैवल एजेंसी
सहायक पुलिस आयुक्त ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे के टोल से पुलिस ने साक्ष्य जुटाए। टैक्सी के नंबर मिल गए। इसके बाद दो आरोपी गुरुग्राम निवासी लतीफ खान और उसके रिश्ते के भांजे अहमद अली को गिरफ्तार किया गया। दोनों टैक्सी चालक हैं। तात्सुकी अहमद और सकामारो कोता को लतीफ लेकर आया था। उसकी दो टैक्सी का पंजीकरण मुनाफ अली के नाम पर है। दिल्ली के गोल मार्केट स्थित नमस्ते बिहार एजेंसी के लिए काम करता है।
चालक और मुनाफ अली प्रतापगढ़ जिले के हैं। इस समय दोनों चालक गुरुग्राम के सेक्टर-59 में झुग्गी संख्या 23 में रहते हैं। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया। पुलिस अब ट्रैवल एजेंसी के मालिक की धरपकड़ करेगी। टैक्सी मालिक की भी तलाश की जा रही है। आरोपियों से दो टैक्सी गाड़ी, टिप के 17400 रुपये और तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं।
एयरपोर्ट से शुरू हो जाती है लपकागिरी
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि टूर एजेंसी के कर्मचारी रात में दिल्ली एयरपोर्ट पर सक्रिय रहते हैं। ऐसे पर्यटकों को तलाशते हैं, जो अकेले होते हैं। जापानी जल्दी शिकार बन जाते हैं। पर्यटक को सस्ते रेट का झांसा देकर गाड़ी में बैठाते हैं। दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास पुलिस के बैरियर लगे हैं। बैरियर दिखाकर डराते हैं। कहते हैं दंगा हो गया है। इसके बाद अपनी कंपनी के ऑफिस में ले जाते हैं। वहां पर काम करने वाले युवक उनकी भाषा में बात करते हैें। इसके बाद टूर पैकेज देकर ट्रैवल एजेंसी से संपर्क करते हैं। वह चालक को भेजती है। चालक भी पर्यटकों को छोड़ने के एवज में टिप और कमीशन के नाम पर रकम वसूलते हैं।
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