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पालतू कुतिया का फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला
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कुतिया से इतना प्रेम हुआ कि उसके मरने पर दहाड़ें मार कर रोए। मुखिया सहित परिवार के सभी पुरुषों ने मुंडन कराया। त्रयोदशी संस्कार कराया। मोहल्ले के लोगों को भोजन कराया। यह देख आसपास के लोगों को भी काफी आश्चर्य हुआ। उनकी आंखें भी एक कुतिया के प्रति प्रेम देख नम हो उठीं। यह मामला मथुरा के यमुनापार की शिवनगर कॉलोनी का है।
शिवनगर कॉलोनी निवासी सत्यवीर सिंह करीब छह वर्ष पूर्व एक कुतिया लेकर आए थे। उसका नाम भूरी रखा। घर में बेटा और पत्नी के साथ मिलकर कुतिया से इतना प्रेम किया कि वह उनके घर की सदस्य हो गई। 9 सितंबर की रात्रि में भूरी की तबियत खराब हो गई। रात होने के कारण डॉक्टर को नहीं दिखा सके। सुबह के समय भूरी मर गई। पूरा परिवार शोक संतृप्त हो गया। शोक की लहर दौड़ गई।
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परिवार में किसी ने नहीं खाया खाना
सत्यवीर सिंह ने पास ही खाली मैदान में भूरी को भू समाधि दी। परिवार में किसी ने उसके शोक में खाना तक नहीं खाया। इसके बाद सत्यवीर सिंह सहित परिवार ने तय किया कि भूरी घर की सदस्य थी तो उसके अंतिम संस्कार के सभी रीति-रिवाज किसी पारिवारिक सदस्य की मौत पर होने वाली रीतियों की तरह ही होंगे। इसके बाद सत्यवीर सहित परिवार के अन्य पुरुषों ने भी मुंडन कराया।
संपन्न कराया भूरी का त्रयोदशी संस्कार
भूरी के मरने के 11 वें दिन सत्यवीर ने भूरी का त्रयोदशी संस्कार करते हुए भोज आयोजित किया। पूरे मोहल्ले के लोगों को भोजन कराया। सत्यवीर ने बताया कि भूरी हमारे परिवार की सदस्य थी। वह भले बोल नहीं पाती थी लेकिन वह हमारी भावनाओं और हम लोग उसकी बातों को समझते थे। परिवार ने तय किया कि भूरी के मरने पर उसके सारे रीति रिवाज किए जाएं। इसलिए सभी रीति रिवाज पूरी किए गए हैं।
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