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यूपी प्राइमरी स्कूल (प्रतीकात्मक तस्वीर)।
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में खंड शिक्षा अधिकारी को प्रधानाध्यापक के निलंबन की जांच में देरी करना महंगा पड़ गया। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने उनका वेतन रोकने का आदेश दिया। साथ ही तीन दिन में व्यक्तिगत उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा गया है।
बीते साल का है प्रकरण
प्रकरण बीते साल दिसंबर का है। 14 दिसंबर 22 को प्राथमिक विद्यालय नगला गाढ़े, बरौली अहीर में कार्यरत प्रधानाध्यापक महेंद्र सिंह को खंड शिक्षा अधिकारी शेष बहादुर सरोज ने बिना किसी नोटिस के निलंबित कर दिया था। निलंबन के 45 दिनों बाद बमुश्किल उन्हें आरोपपत्र दिया गया। जिसके बाद उन्होंने अपना स्पष्टीकरण और साक्ष्य खंड शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद को दिया।
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145 दिन में नहीं पूरी हुई जांच
प्रकरण में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 10 अप्रैल को खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर शीघ्र जांच पूरी करने के लिए कहा गया। पूरे प्रकरण को 145 दिन बीत चुके हैं मगर पीड़ित शिक्षक को न्याय नहीं मिला। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की शिकायत के बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेश चंद्र ने खंड शिक्षा अधिकारी की मई माह का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है।
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