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सनातन की संस्कृति नारी का हरण नहीं बल्कि वरण है. जिस कुल, समाज या देश में नारी का हरण होता है, उसका अंत निश्चित है. रावण के एक लाख पुत्र और सवा लाख नाती थे. फिर भी नारी के हरण जैसे पाप ने उसके कुल का विनाश कर दिया. हरण कलंक और वरण नारी के लिए सम्मान है. इसीलिए जब श्रीराम वैदेही को वरण करके अयोध्या ले गए तो वहां घर-घर मंगल और शुगन होने लगे. जबकि रावण सीता मैया का हरण करके लेकर गया था. इसलिए सीता माता के लंका पहुंचते ही अमंगल पर अमंगल और अपशगुन होने लगे.
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जब तें रामु ब्याहि घर आए, नित नव मंगल मोद बधाए…
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