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मंडलायुक्त
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में जन शिकायतों की सुनवाई का ढर्रा बदलेगा। फरियादी अगर समाधान से संतुष्ट नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी। मंडलायुक्त की नाराजगी के बाद सदर तहसील क्षेत्र में जनसुनवाई की नई व्यवस्था लागू की गई है। शिकायत के समाधान के बाद अब मौके के फोटो, उपस्थिति लोगों के फोटो, नक्शा नजरी, गवाहों के बयान अनिवार्य हो गए हैं।
प्रत्येक माह के पहले व तीसरे शनिवार को लगने वाले संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतों के निस्तारण में फर्जीवाड़ा मिलने पर मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी। गलत निस्तारण आख्या से तहसील की छवि धूमिल हो रही थी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट परीक्षित खटाना ने बताया कि तहसील से संबंधित प्रकरणों की जनसुनवाई के लिए लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, थाना प्रभारी व खंड विकास अधिकारी गांव में कैंप करेंगे। सितंबर माह के कैंप का रोस्टर जारी किया है। उन्होंने बताया कि शिकायत का समाधान तभी माना जाएगा जब छह बिंदुओं का पालन होगा, जिसमें स्थल के फोटो, उपस्थिति लोगों के फोटो, नक्शा नजरी, गवाहों के हस्ताक्षर होंगे। अगर मामला किसी न्यायालय में विचाराधीन है तो वाद संख्या, न्यायालय का नाम सहित पूर्ण विवरण आख्या में दर्ज करना होगा।
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ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि सात दिन में अगर शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ। शिकायत यदि डिफॉल्टर श्रेणी में गई। समय पर उसका समाधान नहीं हुआ तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी उत्तरदायी होंगे। उन्होंने कहा वॉट्स एप के माध्यम से कोई जांच रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जाएगी। साथ ही निस्तारित शिकायतों की रैंडम जांच होगी। आईजीआरएस प्रभारी प्रत्येक दिन पोर्टल की समीक्षा करेंगे। रैंडम कॉल कर फीडबैक लेंगे। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
भूमाफिया की बनेगी सूची, तत्काल हटेंगे कब्जे
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि विभागों के आपसी समन्वय से काम होगा। तहसीलदार की जिम्मेदारी होगी कि संपत्ति रजिस्टर से मिलान कर भूमि विवाद मामलों को कैंप में समाधान के लिए रखेंगे। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले भूमाफिया की सूची बनेंगी। जिसे एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स में रखा जाएगा। अवैध कब्जों को तत्काल मौके से हटाया जाएगा।
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