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बांके बिहारी मंदिर के पट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा पर इस बार श्रद्धालुओं को चंद्रमा की धवल चांदनी में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन नहीं होंगे। चंद्रग्रहण के कारण इस बार मंदिर के पट दोपहर में ही बंद हो जाएंगे।
शरद पूर्णिमा के अवसर पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुर बांकेबिहारी गर्भगृह से बाहर जगमोहन में आकर चांदी के सिंहासन पर विराजमान होते हैं। वर्ष में एक दिन बांकेबिहारी शर पूर्णिमा की दवल चांदनी में सिर पर मोर मुुकुट, ओठों पर मुरली और कटि काछिनी, चांदी की पायल धारण करते हैं। इसके अलावा रेशम जरी की श्वेत रंग पोशाक भी धारण करते हैं। महारास के पूर्ण स्वरुप में बांकेबिहारी के विशेष दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन शरद पूर्णिणा पर 28 अक्टूबर को इस बार चंद्रग्रहण के कारण बांकेबिहारी के चंद्रमा की धवल चांदनी भक्तों को नहीं हो सकेंगे। चंद्रग्रहण से पहले पड़ने वाले सूतक के कारण मंदिर में होने वाली राजभोग और शयन भोग की सेवा दोपहर साढे़ तीन बजे तक होगी। रात को होने वाली शयन आरती दोपहर साढे़ तीन बजे होकर मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। इससे पहले ही शरद पूर्णिमा पर होने वाले बांकेबिहारी के दर्शन चांदी के सिंहासन पर होंगे।
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