[ad_1]
मॉडल दिखाती छात्राएं
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीईआई) में मंगलवार को फाउंडर्स डे मनाया गया। इस मौके पर ओपेन डे का आयोजन किया गया। संस्थानों व संकायों की ओर से प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें छात्र-छात्राओं की ओर से अपने नवाचारों, मॉडल व उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष के छात्र हर्ष राजौरिया की ओर के ”एल्कोहल डिटेक्टर” मॉडल को प्रस्तुत किया। वाहन के स्टेयरिंग के पास सेंसर लगाया गया है, यदि चालक शराब पीकर कार या अन्य वाहन चलाना चाहेगा तो वाहन का इंजन चालू नहीं होगा।
हर्ष ने बताया कि लोग शराब पीकर वाहन चलाते हैं, इससे दुर्घटनाएं होती हैं। इसको रोकने के लिए उन्होंने यह मॉडल तैयार किया है। मॉडल में सेंसर का इस्तेमाल किया गया है, जो कि एल्कोहल को डिटेक्ट करता है। स्टेयरिंग के पास यह डिवाइस लगाए जाने पर शराब पीने के बाद वाहन की सीट पर बैठेगा, सेंसर डिटेक्ट कर लेगा। इंजन चालू नहीं होगा। प्रदर्शनी में पपेट शो का भी आयोजन किया गया। राधास्वामी समाध का मॉडल भी रखा गया। आर्गेनिक सब्जियों का स्टाॅल भी लगाया गया। डेयरी के तमाम उत्पाद प्रदर्शित किए गए। मुख्य मैदान में क्रिकेट, वॉलीबाल आदि खेल चल रहे थे। 54 सेक्शन की ओर से प्रदर्शनी लगाई गई। 40 विज्ञान संकाय प्रांगण में और 14 विभिन्न संकाय में लगाए गए। टेक्निकल के छात्रों ने ई-साइकिल , ई-मोपेड, ड्रोन, फ्लाइंग कार आदि के मॉडल प्रस्तुत किए। रसायन विभाग में एनर्जी न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी, वाटर मैनेजमेंट एंड रीसाइकल, एयर वाटर सॉइल क्वालिटी एंड कंसरवेशन विषय पर मॉडल तैयार किए गए। प्रदर्शनी में बीकॉम और बीबीए के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
कार दुर्घटना रोकने के लिए बनाया मॉडल
बीवॉक रिनुअल एनर्जी की छात्राओं नैन श्वेता कुशवाह, खुशबू व कल्पना की ओर से ऑब्सटिकल डिटेक्टिव कार का मॉडल प्रस्तुत किया गया। जो कि कार दुर्घटना को रोकने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कार के आगे सेंसर लगाया गया है, जिससे कार के सामने किसी गाड़ी या जानवर आदि के आने पर ब्रेक लग जाएंगे और कार दूसरी तरफ घूम जाएगी।
पराली से प्लेटें बनाई
बीवॉक वेस्ट मैनेजमेंट के छात्र अभिषेक, देवेंद्र, छत्रपति व अंकुर ने पराली से प्लेटें बनाकर प्रस्तुत कीं। जो बायोडिग्रेडिबल हैं। मिट्टी में फेंकने पर यह एक माह में नष्ट हो जाती हैं और मिट्टी को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाती। प्लेट में कोई तरल पदार्थ डाला जाए तो यह करीब आधे घंटे तक गलती नहीं।
आम लोगों को भी परिसर में दिया गया प्रवेश
ओपेन डे में संस्थान के छात्र-छात्राओं के अलावा शहर के आम लोगों को भी प्रवेश दिया गया। लोगों ने प्रदर्शनी देखने के साथ अंदर छात्र-छात्राओं की ओर से लगाए गए खानपान के स्टालों के स्टालों पर पहुंचकर खाद्य पदार्थों स्वाद लिया।
[ad_2]
Source link