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आगरा विकास प्राधिकरण
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) में एक तरफ ताजमहल व फतेहपुर सीकरी गोल्फ कार्ट टेंडर में हुए फर्जीवाड़े की जांच चल रही है, दूसरी तरफ बाबू, इंजीनियर से लेकर अधिकारियों तक पर भ्रष्टाचार के दाग हैं। तीन बाबूओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्तियों की शिकायतों पर जांच चल रही है।
अवैध निर्माण कराने के नाम पर दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में सिकंदरा क्षेत्र का अवर अभियंता निलंबित हो चुका है। माईथान में फर्जी नोटिस भेजने पर अधिशासी अभियंता को हटाया जा चुका है। एडीए के पूर्व उपाध्यक्ष के विरुद्ध भी शासन में शिकायत पर मंडलायुक्त स्तर से जांच हो चुकी है। टेंडर से लेकर अवैध निर्माण तक में भ्रष्टाचार होता है। ताजमहल पर 72 और फतेहपुर सीकरी पर 20 गोल्फ कार्ट के लिए करीब 12.50 करोड़ रुपये के टेंडर में एडीए के कुछ अधिकारी व अभियंताओं की मिलीभगत से चहेती फर्म को देने के आरोप में मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने एडीए उपाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है।
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एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ का कहना है कि तकनीकी जांच में फर्म के सभी दस्तावेज का सत्यापन कराया जा रहा है। शुक्रवार तक जांच रिपोर्ट आ जाएगी। उन्होंने बताया कि एक बाबू के विरुद्ध जांच चल रही है। उधर, एडीए संपत्ति विभाग में दलालों का प्रवेश नहीं रुक रहा। एडीए उपाध्यक्ष ने गेट पर दलालों का प्रवेश निषेध का बोर्ड लगवाया, लेकिन दलालों का प्रवेश नहीं रुका।
एडीए के बाबू व इंजीनियर से लेकर कुछ अधिकारियों के दफ्तरों में दलालों की आवाजाही है। जिससे एक तरफ एडीए की छवि खराब हो रही है, दूसरी तरफ दलालों के चक्कर में फंसकर आवंटी व आम लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।
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