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– फोटो : istock
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आगरा के सदर के रोहता में कॉलोनी बनाने का झांसा देकर प्रापर्टी डीलरों ने प्लॉट का बैनामा कर दिया। 13 साल बाद खरीदार प्लॉट पर निर्माण कराने पहुंचा तो जमीन का असली मालिक आ गया। तब उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला। मामले में पीड़ित महिला ने चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इनमें छावनी परिषद के कर्मचारी भी शामिल हैं।
शीतल धाम काॅलोनी, कहरई मोड़ निवासी शारदा शर्मा ने केस दर्ज कराया। इसमें पुरानी मंडी निवासी बृजमोहन बिंदल, गंगोत्री विहार निवासी बनवारी लाल कटारा, न्यू गोपालपुरा निवासी सत्यप्रकाश उर्फ सत्तो लाला और पुरानी मंडी निवासी विजयलक्ष्मी को नामजद किया। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने वर्ष 2010 में रोहता में कुसुम विहार फेज-3 के नाम से कॉलोनी काटने की बात बताई।
कहा कि पांच लाख रुपये में 150 वर्ग गज का प्लाॅट दे देंगे। उन्होंने एक प्लाॅट देखने के बाद बुकिंग के 51000 रुपये दे दिए। दूसरे दिन तहसील में विजयलक्ष्मी ने बैनामा कर दिया। मार्च 2023 में वो प्लाॅट पर निर्माण कराने गए। तब पता चला कि फर्जी नक्शा दिखाकर प्लाॅट की बिक्री की गई है। आरोपियों से जब रुपयों की मांग की तो उन्होंने देने से मना कर दिया। जान से मारने की धमकी दी।
एसीपी सदर अर्चना सिंह का कहना है कि मामले में धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, गालीगलौज, जान से मारने की धमकी आदि धाराओं में केस दर्ज किया है। विवेचना कर कार्रवाई की जाएगी।
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