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आगरा में गजब का मामला सामने आया है। दो साल से बिना स्कूल में आए हुए वेतन ले रही शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण खंदौली ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भागूपुर का है। यहां प्रधान अध्यापिका ललिता पिछले दो साल से अनियमित हैं। उन पर तमाम अनियमितताओं के आरोप हैं। जांच में आरोप सही पाए जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
लगातार मिल रहीं थी शिकायतें
प्रधान अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय भागूपुर के खिलाफ लगातार अनुपस्थित रहने की शिकायतें विभाग को मिल रहीं थी, जिस पर प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान आईपी सोलंकी ने मार्च माह में दो बार विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। दोनों बार प्रधान अध्यापिका स्कूल से अनुपस्थित मिलीं। निरीक्षण के समय इंचार्ज प्रधानाध्यापिका अर्चना सिंह, ललिता सिंह के अवकाश स्वीकृति का विवरण नहीं दे पाईं। जांच में अधिकारियों ने काम किए बगैर, वेतन के लिए उपस्थिति लॉक करना समेत तमाम अनियमितताएं पकड़ी गईं।
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लगातार दिया जा रहा वेतन
जब अधिकारियों ने इसकी और जांच की तो पता चला कि फरवरी, 2023 तक प्रधान अध्यापिका का वेतन बगैर किसी व्यवधान के लगातार दिया जाता रहा। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने पूरे प्रकरण में खंड शिक्षा अधिकारी खंदौली को भी आरोपी बनाया है। उन्हें दो दिन का समय अपना पक्ष रखने के लिए दिया गया है कि किस कारण से उन्होंने आरोपी शिक्षिका का वेतन बिना कार्य के भुगतान किया।
इनको दी गई थी जांच
साथ ही प्रकरण की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी अकोला, केपी शुक्ला, खंड शिक्षा अधिकारी बिचपुरी नीलम सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी सुमित सिंह को जांच अधिकारी बना तीन दिन में रिपोर्ट सौैंपने के लिए कहा है। वहीं ललिता सिंह को निलंबित कर विकासखंड जैंतपुर कला के उ.प्रा.वि. धनियापुर से संबंध कर दिया गया है।
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