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पुलिस आयुक्त कार्यालय, आगरा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा कमिश्नरेट के दो थानेदारों पर शुक्रवार को गाज गिरी। पुलिस आयुक्त ने फिरोजाबाद में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत के केस में विजिलेंस थाने में नामजद होने पर एसओ बरहन कुलदीप सिंह को लाइन हाजिर किया। वहीं कार में नोटों की गड्डियों और थैले को लेकर चर्चाओं में आए थानाध्यक्ष शमसाबाद अनिल शर्मा को अपराध शाखा भेजा गया है।
केस- 1
तीन साल पहले फिरोजाबाद के जहरीली शराब कांड में एसओ समेत नौ पर विजिलेंस आगरा सेक्टर के निरीक्षक दुष्यंत तिवारी ने केस दर्ज कराया था। खैरगढ़ थाने के तत्कालीन एसओ मुस्तकीम अली, एसओजी प्रभारी कुलदीप सिंह, आबकारी निरीक्षक सहित 9 के खिलाफ केस दर्ज हुआ। कुलदीप सिंह और उनकी टीम पर भी गंभीर आरोप हैं। कुलदीप पर आगरा में थाने का प्रभार था। वह एसओ बरहन थे। थाना पिनाहट में भी रहे। उन्हें शिकायत पर हटाया गया था। फिरोजाबाद मामले में विजिलेंस की जांच चल रही थी। इसके बावजूद उन्हें दंड नहीं मिला। आगरा लौटे तो फिर से दो थानों के प्रभारी बन गए। पुराना रिकॉर्ड नहीं खंगाला गया। अब एसओ कुलदीप सिंह को लाइन हाजिर किया गया है।
केस-2
हाल ही में कार में नोटों की गड्डियों का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो के बाद जांच हुई। एक कारखास का नाम सामने आया। गाड़ी दरोगा की थी। डीसीपी पूर्वी ने बयान दर्ज किए थे। सिपाही को लाइन हाजिर और दरोगा को निलंबित किया गया। बयान में कहा गया था कि एसओ शमसाबाद ने एनसीआर स्थित अपने घर एक थैला भेजा था। जांच एसीपी फतेहाबाद आनंद कुमार पांडेय कर रहे थे। हालांकि हाल ही में जांच को स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस आयुक्त ने शुक्रवार को एसओ शमसाबाद अनिल शर्मा को अपराध शाखा स्थानांतरित किया।
थाने और चौकी में नए प्रभारी बनाए गए
पुलिस आयुक्त डाॅ. प्रीतिंदर सिंह ने तीन थानों में नए प्रभारी भेजे हैं। एसओ बरहन एसआई राजीव कुमार को बनाया है। वह सर्विलांस सेल के प्रभारी थे। सीसीटीएनएस प्रभारी से निरीक्षक बिरेश पाल गिरि को शमसाबाद थाना प्रभारी, बालूगंज चौकी प्रभारी रोहित कुमार को एसओ बमरौली कटारा, एसओ बमरौली कटारा विकास राणा को चौकी प्रभारी बालूगंज बनाया गया है।
दागदार तो और भी हैं…
शहर से लेकर देहात के थानों तक कई पुलिस वालों पर आरोप लग चुके हैं। किसी का पिटाई करते वीडियो वायरल हुआ तो किसी की वसूली की शिकायत की गई। मगर, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही की गई। इनके खिलाफ जांच के नाम पर फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।
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