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रिश्वत लेते (साकेंतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
आगरा के बरौली अहीर ब्लाॅक में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया था। प्राथमिक विद्यालय गंगरौआ में तैनात शिक्षक प्रदीप कुमार ने एक माह पहले 50 हजार रुपये रिश्वत मांगने की विजिलेंस में शिकायत की थी। यह रकम एरियर पास करने के लिए मांगी गई। इसके बाद विजिलेंस ने जाल बिछाया था, इसमें शिक्षा अधिकारी फंस गया। आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही उच्च प्राथमिक विद्यालय लहरा के आरोपी शिक्षक आशुतोष शर्मा की जांच कमेटी से भी प्रमोद कुमार को हटा दिया गया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने आशुतोष शर्मा की जांच के लिए गठित कमेटी का पुनर्गठन किया है। जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद शेष बहादुर सरोज, खंड शिक्षा अधिकारी सैंया सुमित कुमार और खंड शिक्षा अधिकारी फतेहपुर सीकरी ज्योति पाठक को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
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ये है मामला
बरौली अहीर ब्लाॅक के गांव गंगरौआ स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक प्रदीप कुमार यादव 2020 में छह माह निलंबित रहे थे। बहाल होने के बाद उन्होंने अपने एरियर भुगतान के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। करीब ढाई लाख रुपये एरियर बन रहा था। आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ा रहे थे। फाइल स्वीकृति की एवज में 50 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे थे। शिक्षक पिछले करीब सात माह से खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहा था।
रिश्वत की धनराशि कम करने के लिए नहीं थे तैयार
खंड शिक्षा अधिकारी 50 हजार से कम धनराशि लेने को तैयार नहीं थे। परेशान होकर एक माह पहले उसने एसपी विजिलेंस कार्यालय में रिश्वत मांगने की शिकायत की। शिकायत पर प्राथमिक जांच कराई गई। पाया गया कि आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी की छवि ठीक नहीं है। वह हर काम के एवज में पैसा मांगते हैं। कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति ली गई। जाल बिछाया गया। शिक्षक से कहा गया कि वह रिश्वत देने के लिए हां कर दे। ऐसा ही हुआ। शिक्षक प्रदीप कुमार ने अधिकारी से संपर्क किया। कहा कि उनका काम कर दें। जैसा चाहते हैं वैसा हो जाएगा। आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी ने बृहस्पतिवार को फोन करके शिक्षक को ब्लाॅक पर आने के लिए कहा। योजना के तहत विजिलेंस टीम साथ गई।
कार में बैठकर ली थी रिश्वत
ब्लाॅक पर बैठक चल रही थी। बैठक के बाद आरोपी अधिकारी ने अपनी कार में शिक्षक को बुलाया। शिक्षक से रकम ले ली। रिश्वत लेते ही विजिलेंस टीम ने उन्हें दबोच लिया था।
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