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ताजमहल पर खटारा एंबुलेंस
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के फतेहपुर सीकरी में फ्रांसीसी पर्यटक की मौत के 8 दिन बाद भी एंबुलेंस के हालात नहीं बदले। ताजमहल पर लगी एंबुलेंस खटारा है। आगरा विकास प्राधिकरण की एंबुलेंस यूपी 80 बीटी 0593 का 12 साल से बीमा नहीं हुआ। 2 साल पहले प्रदूषण प्रमाणपत्र भी खत्म हो गया। फिर भी एंबुलेंस से पर्यटकों को ले जाया जा रहा है।
फ्रांस से ताजमहल घूमने आई 61 वर्षीय अस्मा की फतेहपुर सीकरी में 22 सितंबर को तुर्की सुल्ताना महल की रेलिंग से गिरकर मौत हो गई थी। डीएम की जांच में मौत का कारण जर्जर रेलिंग व एंबुलेंस की लापरवाही पाई गई। पर्यटन विभाग के महानिदेशक मुकेश मेश्राम ने आगरा किला, फतेहपुर सीकरी व ताजमहल पर हर वक्त एंबुलेंस तैनाती के निर्देश दिए। बृहस्पतिवार को अमर उजाला टीम ने ताजमहल पर संचालित एडीए की एंबुलेंस की पड़ताल की। डीजल चालित यूपी 80 बीटी 0593 एंबुलेंस करीब 13 साल पुरानी है। इसका रजिस्ट्रेशन 4 दिसंबर 2010 को हुआ था। 2012 तक फिटनेस थी। इसके बाद 11 साल से फिटनेस जांच नहीं की गई। खटारा एंबुलेंस में ही ताजमहल पर आकस्मिक स्थिति में पर्यटकों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
सात जुलाई 2021 को एंबुलेंस के प्रदूषण प्रमाणपत्र की मियाद भी खत्म हो गई। आखिरी बार इस एंबुलेंस का बीमा 29 नवंबर 2011 को हुआ था। 12 साल से एंबुलेंस का बीमा नहीं है। ऐसे में यदि कोई दुर्घटना इस एंबुलेंस से होती है तो कोई क्लेम नहीं बनेगा। यह एंबुलेंस आगरा विकास प्राधिकरण ने पथकर निधि से खरीदी थी। यह स्थिति तब है जब मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने एंबुलेंस की लापरवाही पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश परिवहन विभाग को दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी तय की गई है। लेकिन, आगरा किला, सिकंदरा, महताब बाग, फतेहपुर सीकरी पर एबुलेंस व आकस्मिक स्थिति में उपचार के लिए एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लेस एंबुलेंस तैनात नहीं की गई।
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