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आगरा कलेक्ट्रेट
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में अपर जिला जज ने किशोर संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने जो देखा उसे देखकर उनकी आंखे फटी रह गईं। जली हुई रोटियां… जिनके जले हुए हिस्सों को निकालकर खाना खाते किशोर। कमरों में सीलन और बदबू। सिरौली के किशोर संप्रेक्षण गृह में जब अपर जिला जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी पहुंचे तो उन्हें यह नजारा दिखा। उन्होंने बीते पखवाड़े किए इस निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर डीएम को भेजी। उन्होंने खामियों को दूर करने के साथ इमारत की जांच सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से कराने की सिफारिश भी की है।
पानी निकालकर खेतों में डाल दिया
अपर जिला जज ने रिपोर्ट में कहा है कि सिरौली के किशोर संप्रेक्षण गृह के पीछे बड़े क्षेत्र में जलभराव मिला। इमारत की दीवार से सटे गड्ढे में पानी भरा था। जिला परिवीक्षा अधिकारी ने पूछने पर बताया कि रोटी बनाने की नई मशीन खरीदने के लिए जेम पोर्टल से प्रक्रिया शुरू की है। जलभराव वाले स्थान का पानी निकालकर खेतों में डाल दिया गया है। सीवेज के लिए सेफ्टी टैंक का निर्माण होना है, पर इसके लिए बजट का इंतजार है। हर 15 दिन में यहां पानी निकालने और सफाई का कार्य कराते हैं।
पंप से खेतों में डाल रहे सीवेज
अपर जिला जल के निरीक्षण में बताया गया कि जो पानी इमारत के पास जमा हो रहा है, उसे खेत में पंप से डाला जा रहा है। अपर जिला जज ने कहा कि यह स्थायी समाधान नहीं है। फसल उगने के बाद कोई किसान अपने खेत में सीवेज नहीं डालने देगा। जिस एजेंसी ने किशोर संप्रेक्षण गृह का निर्माण किया, उसने जलनिकासी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान क्यों नहीं किया। इसकी जांच की जाए।
किशोरों को दें कंप्यूटर प्रशिक्षण
अपर जिला जज ने किशोरों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए। अधीक्षक ने यह भी बताया कि अनाज, दूध, अंडा, फल, पनीर जिस एजेंसी से खरीदा जा रहा है। उसका 60 लाख रुपये बकाया है। दो साल से कोई बजट नहीं मिला। इस पर अपर जिला जज ने डीएम से संस्तुति की है कि ई-टेंडर कराकर अनाज, सब्जी, फल खरीदे जाएं।
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