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सैनिक का पार्थिव शरीर लेकर पहुंची सेना का टुकड़ी
– फोटो : अमर उजाला
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सिक्किम में बादल फटने की घटना के दौरान कई सैनिक पानी के सैलाब में बह गए। कुछ सैनिकों के शव घटना के बाद बरामद कर लिए गए, लेकिन जिले के सैनिक का शव नहीं मिल सका। 13 दिन तक लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया गया। तब जाकर सैनिक का शव रविवार को मिल सका। रविवार की रात को परिवार के लोगों ने ऑपरेशन व शरीर के निशानों से शव की शिनाख्त की। सैनिक के परिवार में सैनिक का शव मिलने के बाद से चीत्कार मचा हुआ है। आज सुबह सेना की टुकड़ी सैनिक का पार्थिव शरीर गांव लेकर पहुंची।
सदर तहसील के गांव सलेमपुर पिरौंदा के रहने वाले सैनिक राघवेंद्र कुमार सिंह सेना में चालक के पद पर तैनात थे। जब वे सैनिक टुकड़ी के साथ तीस्ता नदी के पास से गुजर रहे थे तभी अचानक बादल फटने की घटना हुई और तीस्ता नदी की बाढ़ में लापता हो गए। एक सप्ताह पूर्व सैनिक के परिवार के लोग भी सिक्किम पहुंच गए थे।
परिवार के लोगों को शवों की शिनाख्त के लिए बुलाया गया, लेकिन रविवार को सैनिक का शव बरामद होने के बाद सैनिक का शव लेकर सेना की टुकड़ी मंगलवार को कासगंज पहुंची। सैनिक के भाई नरेंद्र सिंह ने बताया कि भाई का शव मलबे में दबा मिला है। सोमवार को सिक्किम में मौसम खराब होने के कारण हवाईजहाज की उड़ान नहीं हो सकी। बाद में हैलीकॉप्टर से शव प्रयागराज भेजा गया। प्रयागराज से शव बरेली भेजा गया। वहां से मंगलवार को गांव में लाया गया।
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