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अस्पताल का सांकेतिक फोटो
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल और पैथोलॉजी लैब संचालकों की कारस्तानी पकड़ी है। संचालकों ने बंद हो चुके अस्पतालों की एनओसी लगा दी है। शपथ पत्र में चिकित्सक ने संस्थान में कार्य करने का समय भी नहीं दर्शाया है।
अस्पतालों के लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान 15 चिकित्सकों के नाम से प्रदेश में 449 अस्पताल और पैथोलॉजी लैब संचालित होने के बाद 15 अस्पताल-लैब के लाइसेंस निरस्त और 64 के निलंबित किए थे। इनमें से डॉक्टर से एक ही संस्थान में चिकित्सकीय सेवाएं देने, समय और पैरामेडिकल स्टाफ के पैनल, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम समेत अन्य विभागों की एनओसी और एडीए का नक्शा समेत अन्य प्रमाण पत्र मांगे थे। इसमें से 32 के प्रमाणपत्रों को संलग्न किया है।
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प्रारंभिक जांच में ये पाया कि इनमें अस्पताल-लैब संचालकों ने बंद हो चुके अस्पताल की एनओसी की फोटोकापी लगा दी हैं। डॉक्टर का शपथ पत्र अधूरा है। पैरामेडिकल स्टाफ की चिकित्सकीय डिग्री का भी जिक्र नहीं है। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। अभी भी कई के रिकॉर्ड संदिग्ध मिले हैं। सभी रिकॉर्ड की जांच होने पर अधूरे मिलने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे।
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