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मैं एक धार्मिक आयोजन के लिए परमिशन लेने आया हूं. कलक्ट्रेट परिसर में घूम रहा हूं. किससे मिलना है? कहां एप्लीकेशन देनी है? इस संबंध में बताने वाला कोई नहीं है. मंगलवार को रामबाग से पहुंचे मुकेश ही इस तरह की समस्या से नहीं जूझते मिले, बल्कि कलक्ट्रेट पहुंचने वाले अधिकतर लोग पटल की जानकारी नहीं होने के चलते भटकते रहते हैं.
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