[ad_1]
एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
आगरा में सरकारी एंबुलेंस स्टाफ ने कमीशन के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी के जगह नवजात को यमुनापार स्थित एएस चिल्ड्रन हॉस्पिटल एंड क्रिटिकल केयर में भर्ती कराया था। यहीं इलाज के दौरान नवजात की मौत हुई थी। शासन के निर्देश पर एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की जांच में ये खुलासा हुआ है। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।
एसएन के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच में सहपऊ के सुल्तानपुर अतुल की पत्नी मिथिलेश ने हाथरस के जिला अस्पताल में 23 नवंबर को बच्ची को जन्म दिया था। अगले दिन डिस्चार्ज हो गया। बच्ची की हालत बिगड़ने पर 26 नंवबर को जिला अस्पताल हाथरस में भर्ती कराया। यहां से 108 एंबुलेंस सेवा से एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी के लिए रेफर किया।
जांच में सरकारी एंबुलेंस चालक वीरेंद्र सीसीटीवी कैमरे में अकेला आता दिखा है। एंबुलेंस अंदर नहीं लाया और नवजात, उसके परिजन भी नहीं थे। स्टाफ से नवजात को भर्ती करने करने को कहा तो डॉक्टर बोले, थोड़ी देर रुकाे, भर्ती करा रहे हैं। इतने पर ही वह लौट गया और मरीज के परिजन से कहा कि यहां ऐसा ही होता है, बिना नंबर के भर्ती नहीं होते। मेरे परिचय का अस्पताल है, 10-15 हजार रुपये में इलाज हो जाएगा।
यह कहकर चालक एंबुलेंस से मरीज को लेकर रामबाग स्थित एएस चिल्ड्रन हॉस्पिटल एंड क्रिटिकल केयर अस्पताल गया। उसने एंबुलेंस अस्पताल से कुछ दूर आगे खड़ी कर दी। ड्रेसकोड वाली जैकेट उतार कर एंबुलेंस में रख दी और नवजात और उसके मां-पिता के साथ पैदल जाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया।
प्राचार्य ने बताया कि जांच में 20-30 फीसदी कमीशन और नवजात की मौत की बात भी सामने आई है। अस्पताल के संचालक डॉ. विजय यादव बताए गए हैं। रिपोर्ट बनाकर शासन को कार्रवाई के लिए भेज रहे हैं। कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
[ad_2]
Source link