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Agra: चंबल की बीच धारा में फंसा 150 यात्रियों से भरा स्टीमर, अधूरा पड़ा पक्का पुल का काम
– फोटो : अमर उजाला
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ताजनगरी आगरा के पिनाहट कस्बा क्षेत्र में चंबल नदी घाट पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए पक्के पुल का निर्माण कार्य का सपना आज भी पूरा नहीं हो सका। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ओर से 15 सितंबर सन 1989 को जोधपुरा गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए चंबल नदी पर पक्के पुल निर्माण करने के लिए आधारशिला रखी गई थी।
उस दौरान देश के साथ मध्य प्रदेश में मोतीलाल एवं उत्तर प्रदेश में नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी। आधारशिला के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी मौजूद रही थी। मगर यह योजना आधार में लटक गई।
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चंबल नदी पर पक्का पुल बनाने के लिए लगातार अभियान चलाए गए। आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस के नेतृत्व में पोस्टकार्ड एवं हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था और आरटीआई के माध्यम से खुलासा हुआ कि पिनाहट पक्के पुल की कोई कार्य योजना दिल्ली में थी ही नहीं। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ और दोनों प्रदेशों की जनता ने चुनावों में जनप्रतिनिधियों के सामने इस मुद्दे को उठाया। मगर उत्तर प्रदेश की बसपा एवं सपा की सरकार में पक्के पुल का सपना ही दिखाया गया।
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