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मैनपुरी में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों से नौकरी कर रही एक शिक्षिका की बुधवार शाम बर्खास्तगी हो गई। जिला चयन समिति के अनुमोदन के बाद बीएसए दीपिका गुप्ता ने बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। इससे शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। बीते चार साल से शिक्षिका फर्जी अभिलेखों पर ही नौकरी कर रही थी। जिले में पिछले पांच साल में 42 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं।
एक शिकायत पर विकास खंड किशनी प्राथमिक विद्यालय नगला अहिर पर तैनात जनपद कन्नौज के कस्बा सौंरिख निवासी शिक्षिका लक्ष्मी की बीएसए से शिकायत की गई थी। इसमें कहा गया था कि शिक्षिका ने एक ही साल में दो जगह से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट किया है। एक अभ्यर्थी एक ही साल में दो जगह परीक्षा में कैसे बैठ गया। शिकायत पर बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी जेपी पाल और सुनील दुबे से जांच कराई। दोनों खंड शिक्षाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट बीएसए को सौंपते हुए बताया कि शिक्षिका की शिकायत सही पाई गई है ।
शिक्षिका ने एक ही साल में दो अलग-अलग कॉलेजों से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। यही नहीं शिक्षिका ने समान सत्रों में ही बीए और बीएससी की डिग्री एक ही विश्वविद्यालय से लीं। जांच रिपोर्ट के बाद बीएसए ने 15 दिसंबर को शिक्षिका का बर्खास्तगी पत्र तैयार कर जिला चयन समिति को भेजा था। जिला चयन समिति ने जांच रिपोर्ट को सही पाते हुए बर्खास्तगी की स्वीकृति दे दी थी। चयनसमिति की सहमति के बाद बीएसए ने शिक्षिका की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया। शिक्षिका 2018 से फर्जी अभिलेखों से नौकरी कर रही थी। जल्द ही बर्खास्त शिक्षिका के विरुद्घ एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है।
जिला चयन समिति में ये लोग थे शामिल
जिला चयन समिति में शामिल प्राचार्य डायट नरेंद्र पाल सिंह, बीएसए दीपिका गुप्ता, प्रधानाचार्य राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सुमन यादव, प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज सुरेश कुमार, प्रवक्ता राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सुनीता देवी ने पूरे मामले की गहनता से जांच की। तीन चरणों की जांच के बाद शिक्षिका की बर्खास्तगी को सहमति दी।
कस्तूरबा की दो शिक्षिकाओं की भी चल रही है जांच
वहीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय घिरोर में तैनात दो शिक्षिकाओं के भी फर्जी अभिलेखों की शिकायत मिली थी। जिसकी जांच चल रही है। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा अमृता सिंह ने दोनों शिक्षिकाओं के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को फाइल भेजी है। वहीं शिक्षिकाओं से भी स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया है।
कब-कब जिले में बर्खास्त हुए फर्जी शिक्षक
-वर्ष 2017 में अलग-अलग शिक्षक भर्तियों की जांच पूर्व बीएसए रामकरन यादव ने कराई। इस भर्ती प्रक्रिया में जिले मे 31 फर्जी शिक्षक मिले जिनकी बर्खास्तगी के साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई गई।
– वर्ष 2020 में हुई जांच के दौरान जिले के अलग-अलग क्षेत्रों मे तैनात कुल छह शिक्षक फर्जी मिले जिनकी बर्खास्तगी के साथ ही उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।
– वर्ष 2021 जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात कुल तीन शिक्षक फर्जी मिले जिनकी बर्खास्तगी के साथ ही उनके विरुद्ध एफआईआर कराई गई है।
-वर्ष 2022 में अभी तक दो शिक्षकों की हुई बर्खास्तगी ।
जांच में अभिलेख मिले फर्जी
बीएसए दीपिका गुप्ता ने बताया कि एक शिकायत पर शिक्षिका के अभिलेखों की जांच कराई गई थी। जांच में अभिलेख फर्जी पाए जाने पर जिला चयन समिति को बर्खास्तगी के लिए पत्रावली भेजी थी। चयन समिति की सहमति के बाद शिक्षिका को बखार्स्त कर दिया गया है।
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