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एंबुलेंस में भी जुगाड़
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा में मरीजों की जिंदगी बचाने वाली एंबुलेंस में भी जुगाड़ की जा रही है। अधिकांश एंबुलेंस में दवाओं की किट, अंबू बैग (बैग वाल्व मास्क), बीपी मापक समेत अन्य जरूरी चिकित्सकीय मानक ही नहीं हैं। पेरामेडिकल स्टाफ भी नहीं रहता। हालत ये है कि ऑक्सीजन सिलिंडर को रस्सी से बांधा हुआ है, सीटें भी टूटी-फटी हैं। स्ट्रेचर है तो उसमें जंग लगी है। आरटीओ और स्वास्थ्य विभाग का अभियान भी दो दिन चलने के बाद बंद हो गया। ऐसी ही खटारा एंबुलेंस में अस्पताल जा रहे मरीज की जान से खिलवाड़ हो रहा है।
दृश्य एक:
बाग फरजाना में खड़ी एंबुलेंस की हालत बदहाल मिली। इसमें अग्निशमन उपकरण, दवाओं की किट समेत अन्य कोई चिकित्सकीय उपकरण नहीं था। इसमें ऑक्सीजन सिलिंडर रखा था, इसका स्टैंड भी टूटा था। चालक ने इसको रस्सी से बांध दिया। स्ट्रेचर में जंग लगी हुई थी। इससे किसी मरीज को चोट भी लग सकती था।
दृश्य दो:
दिल्ली गेट के चौराहा के पास ऐसी ही एक और खटारा एंबुलेंस खड़ी थी। इसका चालक फोन पर किसी से बात कर रहा था। इसकी एंबुलेंस को गई जगह से जंग लगी थी। लाइट और खिड़की के शीशे टूटे हुए थे। सीटें भी फटी हुई थीं। इसमें ऑक्सीजन सिलिंडर रखा हुआ था, लेकिन मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए अंबू बैग नहीं था।
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ये मानक हैं जरूरी
पोर्टेबल लॉग बुक, वार्निंग लाइट, पोर्टेबल ऑक्सीजन उपकरण, स्टेथोस्कॉप, बीपी मापक, मास्क, सर्जिकल ग्लव्स, डिस्पोजेबल सक्शन पंप, अग्निशमन उपकरण, अंबू बैग, सर्जिकल और मेडिसिन किट, डि्रप सेट स्टैंड, उल्टियों के लिए डिस्पोजल बैग।
अभियान बंद नहीं, कार्रवाई की जाएंगी
आरटीओ प्रशासन अरुण कुमार का कहना है कि डग्गामार- खटारा एंबुलेंस के खिलाफ अभियान बंद नहीं हुआ है, दो दिन में करीब 30 एंबुलेंस पर कार्रवाई भी की है। स्वास्थ्य विभाग के साथ फिर से जांच कर, इन पर कार्रवाई करेंगे।
अस्पताल संचालकों से भी मांगी है एंबुलेंस की जानकारी
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि अस्पताल संचालकों से संचालित एंबुलेंस के नंबर, पेरामेडिकल स्टाफ, फिटनेस समेत अन्य की जानकारी मांगी है। मानकों को परखने के लिए आरटीओ टीम के साथ डॉक्टर भी रहेंगे।
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