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ताबूत को खोला वैसे ही शहीद के पिता बोले, मेरे बेटे का यह हाल हुआ, जिसकी कभी कल्पना तक नहीं की थी। शहीद की मां एक ही बात कह रही थी लाल उठो, तुमने पैर नहीं छुए। बिना पैर छुए कहीं जाते नहीं थे। अब क्यों नहीं बोल रहे हो। कुछ तो बोलो मेरे लाल। अंत्येष्टि स्थल पर शहीद की मां और पत्नी कई बार गश खाकर गिर पड़ीं।
शहीद लांस नायक के परिजन को प्रशासन द्वारा सहायता धनराशि के चेक उपलब्ध कराए गए। जहां 35 लाख रुपये का चेक शहीद की पत्नी और 15 लाख रुपये का माता-पिता को सौंपा गया। वहीं पत्नी को समूह-ग की नौकरी जल्द दिलाए जाने की बात कही गई।
सैनिक कल्याण बोर्ड से कर्नल महेंद्र प्रसाद शहीद भूपेंद्र के घर पहुंच गए। परिजन से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने बताया कि शहीद की पत्नी सारिका सिंह और माता-पिता के खातों में अलग-अलग सहायता राशि पहुंचेगी। कर्नल ने बताया कि शहीद की पत्नी को नौकरी दी जाएगी।
शहीद के पिता सुरेंद्र सिंह ने छोटे बेटे की नौकरी देने की मांग की। उन्होंने बताया कि प्रयास किया जाएगा कि आउटसोर्सिंग से उसे भी नौकरी मिले। शहीद के पिता ने फर्रुखाबाद में नौकरी को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया ।
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