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शू कारोबार के बाद अब शू कंपोनेंट का कारोबार भारत की इकॉनोमी में सहयोग देगा. अब तक जूता बनाने को शू कंपोनेंट के लिए चीन समेत अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब भारत का शू कंपोनेंट कारोबार तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है.
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