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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 88वें दीक्षांत समारोह के लिए पदकों की अंतिम सूची जारी कर दी गई है। आपत्तियों के आधार पर चार पदकों के अभ्यर्थियों के नाम बदले गए हैं। पदक संख्या 110, 111, 114 और 116 के नामों में संशोधन किया गया है। पदक सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। गोल्डन गर्ल एफएच मेडिकल कॉलेज की हुमा जाफर ही रहेंगी।
अंतिम सूची के अनुसार पदक संख्या 110-डॉ. बजीर सरीन स्वर्ण पदक, अब एसएन मेडिकल कॉलेज के फर्स्ट प्रोफेशन के छात्र आलाेक पांडेय को मिलेगा। पहले यह पदक एफएच मेडिकल कॉलेज की भावना सिंह को मिलना था। पदक संख्या 111- डॉ. शारदा प्रसाद श्रीवास्तव स्वर्ण पदक, अब एसएन मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल के छात्र रौनक अग्रवाल को मिलेगा। पहले यह पदक एसएन मेडिकल कॉलेज की एश्वर्या राय को मिलना था।
पदक संख्या-114 केहर सिंह चौके पुरस्कार स्वर्ण पदक, अब एमबीबीएस फर्स्ट प्रोफेशनल की एसएन मेडिकल कॉलेज की खुशबू अग्रवाल, केएम मेडिकल कॉलेज मथुरा की अनुष्का सोनी को मिलेगा। पहले यह पदक एफएच मेडिकल कॉलेज की भावना सिंह को मिलना था। पदक संख्या-116 आरके शर्मा स्वर्ण पदक अब एमबीबीएस फर्स्ट प्रोफेशनल की केडी मेडिकल कॉलेज की छात्रा पूर्वा जैन को मिलेगा। पहले यह पदक एफएच मेडिकल कॉलेज के अनाम नासिर, सौर्या शिखर और विरल राज सिंह को मिलना था। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि शुक्रवार को जिन छह नए पदकों की सूची जारी की गई थी, उन पर कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है।
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प्रो. एमएम सालुंखे होंगे दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 88वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के नाम पर राजभवन से मुहर लग गई है। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के पूर्व अध्यक्ष प्रो. मानिकराव माधवराव (एमएम) सालुंखे मुख्य अतिथि होंगे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि प्रो. एमएम सालुंखे का जन्म 1955 में हुआ था। उन्होंने डॉक्टोरल डिग्री ऑर्गेनिक केमेस्ट्री में वर्ष 1979 में शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापुर से प्राप्त की। इसी विश्वविद्यालय में एक वर्ष काम करने के बाद वर्ष 1980 में उसी यूनिवर्सिटी में बतौर प्रवक्ता पढ़ाना शुरू किया, बाद में रीडर बने। वर्ष 1995 में इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, मुंबई में प्रोफेसर बने। बाद में वह केमेस्ट्री के विभागाध्यक्ष व निदेशक के पद पर रहे। वर्ष 2004 में शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापुर के कुलपति बने। वर्ष 2009 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान के पहले कुलपति बने। उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई।
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