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डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को पहुंची जांच टीम ने लेखा विभाग के दस्तावेज खंगाले. इसके साथ ही आठ महीने में किए गए प्रो. पाठक के कार्यकाल के दौरान किए गए भुगतान की डिटेल मांगी, इससे पूर्व भी यहां टीम दस्तक दे चुकी है. उस दौरान संविदा पर की गई नियुक्ति पर भी सवाल खड़े हैं. एक के बाद एक फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी राजभवन से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, वहीं प्रो. मित्तल को एक कंप्लेन मिलने पर कार्य से दूर का आदेश जारी किया था.
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