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पुलिस आयुक्त कार्यालय, आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में जगनेर थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस आयुक्त से गुहार लगाने के बाद पीड़ित थाने पहुंचा। कहा कि थाना परिसर में पुलिस ने नौकर बनाकर उससे काम करवाया। बर्तन धुलवाए। थानाध्यक्ष ने अपने गांव भेजकर मजदूरी करवाई। गोबर उठवाया। शौचालय साफ कराए। विरोध पर पीटा गया और जेल भेजने की धमकी मिली। 32 दिन तक उसे रखा गया। वह किसी तरह मुक्त हो पाया। बुधवार को दोबारा पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात करने पर मामले में एसीपी खेरागढ़ को जांच सौंपी गई है।
अजीजपुर, धनौली निवासी शैलेंद्र उर्फ रिंकू बुधवार को पुलिस आयुक्त के पास पहुंचा। बताया कि वह 19 जुलाई को भी उनसे मिला था। मदद मांगी थी। उसकी पत्नी किसी के साथ चली गई है। जगनेर में किराये पर कमरा लिया था। वहां सामान रखकर चली गई है। सामान वापस दिलाने की गुहार लगाई थी। आपने (पुलिस आयुक्त) मलपुरा एसओ को सामान वापस दिलाने के लिए फोन करके निर्देश दिए थे।
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