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थाना जगदीशपुरा
– फोटो : अमर उजाला
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ताजनगरी आगरा में जगदीशपुरा थाना पुलिस की जांच करने के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं। पूर्व थानाध्यक्ष और दरोगा ने एक ही मामले में दो बार जांच की। दोनों में मुकदमे की संस्तुति करते हुए अपर पुलिस आयुक्त से आदेश करा लिया।
शास्त्रीपुरम निवासी विशाल भारद्वाज ने 13 अक्तूबर को अपर पुलिस आयुक्त को प्रार्थनापत्र दिया था। आरोप लगाया कि पूर्व परिचित भूपेंद्र सारस्वत ने अक्तूबर 2022 में सिकंदरा बोदला रोड पर अपनी जमीन बताते हुए एक खतौनी दिखाई। इसे बेचने के बारे में बातचीत की। वह तैयार हो गए। भूपेंद्र को पांच लाख रुपये नकद दिए और 1.70 लाख रुपये खाते में जमा कर दिए।
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बाद में पता चला कि जमीन का मालिक मर चुका है। उन्होंने खतौनी की नकल की जांच कराई, जो कूटरचित निकली। शिकायत पर जांच के आदेश किए गए। थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार और दरोगा मनोहर तोमर ने आरोप सही पाए। मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी। छह नवंबर को अपर पुलिस आयुक्त ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
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इसकी जानकारी पर भूपेंद्र ने भी एक प्रार्थनापत्र अपर पुलिस आयुक्त कार्यालय में दिया। आरोप लगाया कि विशाल भारद्वाज की शिकायत झूठी है। जो खतौनी दिखाई गई है, वह विशाल के साथियों ने ही फर्जी तरीके से तैयार की है। इसकी जांच भी दरोगा और थानाध्यक्ष ने की। अपनी संस्तुति कर मुकदमे की अनुमति मांगी। इस पर अपर पुलिस आयुक्त ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए।
दोनों आदेश रोके
एक ही मामले में दो अलग-अलग लोगों ने शिकायत की थी। इस पर जांच के आदेश किए गए थे। फर्जी खतौनी बनाने का आरोप लगाया गया है। दोनों आदेशों को फिलहाल रोक दिया गया है। जांच रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। -केशव चौधरी, अपर पुलिस आयुक्त
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