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भरभराकर गिर गए तीन मकान, एक मंदिर
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में 100 साल पुरानी धर्मशाला में तोड़फोड़ और बेसमेंट खुदाई से तीन मकान, एक मंदिर के गिरने और मासूम बच्ची की मौत के मामले में संस्था के ट्रस्टी अध्यक्ष और पूर्व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धारा लगाई गई है।
वर्तमान ठेकेदार का नाम प्रकाश में आया है। पुलिस सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी। जिस जेसीबी और बुलडोजर से मलबा उठाया जा रहा था, उनको भी जब्त कर लिया गया। देर शाम आरोपी ठेकेदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
कोतवाल सुभाष चंद्र पांडे ने बताया कि मुकेश शर्मा ने मुकदमा लिखाया है। उनकी 4 साल की नातिन रूशाली की मौत हुई थी। उनकी तहरीर पर धर्मशाला के ट्रस्टी राजू मेहरा, पूर्व ठेकेदार हरीश शर्मा सहित अज्ञात के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा लिखा गया है। पूर्व में ठेकेदारी करने वाले हरीश शर्मा के बाद इस समय राघवेंद्र उपाध्याय ठेकेदार थे। उनका नाम भी प्रकाश में आ गया है।
बताया कि तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दी। जेसीबी से खुदाई हो रही थी। डंपर में मलबा भरकर भेजा जाता था। पुलिस ने दो डंपर और एक जेसीबी को जब्त कर लिया। वहीं ठेकेदार राघवेंद्र उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
नहीं हुई जिम्मेदारों पर कार्रवाई
धर्मशाला में बेसमेंट की खुदाई हो रही थी। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग आंखें बंद किए हुए थे। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई और मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी। मगर, मामले में ठेकेदार और टेस्टी पर ही मुकदमा दर्ज किया गया। जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
एडीए उपाध्यक्ष ने अधिशासी अभियंता को हटाया
मामले में एडीए उपाध्यक्ष ने अधिशासी अभियंता अनुराग चौधरी को दोषी पाया है। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को निर्माणकर्ता के खिलाफ नोटिस जारी की गई थी। लेकिन अधिशासी अभियंता ने वह नोटिस असली राजू चौधरी को न देकर कूटरचित तरीके से किसी दूसरे को दी। इससे निर्माण कार्य लगातार जारी रहा और यह हादसा हो गया। इस पर उन्हें प्राधिकृत अधिकारी प्रवर्तन के कार्य से हटा दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
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