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जवान सत्यप्रकाश
– फोटो : अमर उजाला
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कागारौल थाना क्षेत्र के दिघरौता गांव निवासी जवान सत्यप्रकाश का ड्यूटी के दौरान पेट दर्द होने लगा था। तबीयत बिगड़ने से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी 10 नवंबर को मृत्यु हो गयी। जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचया गया। रविवार को उनके पैतृक गांव दिघरौता में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
दिगरौता निवासी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनके बड़े भाई सत्यप्रकाश सिंह असम राइफल की 29वीं बटालियन में अगरतला में तैनात थे। सत्यप्रकाश ने नौ नवंबर को फोन पर पेट में अचानक दर्द होने की बात बताई थी। इसके बाद उनको वहीं आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान सत्यप्रकाश की 10 नवंबर को अचानक ज्यादा तबीयत बिगड़ने से मृत्यु हो गयी। परिजनों को इसकी फोन पर सूचना दी गयी तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
12 नवंबर को जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। शव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया। मां रेशमा, पत्नी पिंकी देवी, बेटा आजाद और बेटी पाखी तथा बड़े भाई यादव का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जवान के पार्थिव शरीर का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि मृतक जवान के इकलौते बेटे आजाद (9) ने दी।
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