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अखिल दीक्षित
आगरा का 'जोशीमठ बना टीला माईथान, यहां रहने वाले विस्थापितों को कोई आसरा नहीं मिला है. न कोई ठौर, न कोई ठिकाना. हाथों में घर-गृहस्थी को सामान समेटकर ये लोग कहां जा रहे हैं किसी को नहीं पता? किसी को शेल्टर होम में रोक दिया है तो किसी का सामान प्रशासन ने धर्मशाला में रखवा दिया है.
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