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आगरा स्मार्ट सिटी का कार्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में एक ही दिन में पर्यटकों को सभी स्मारकों का दीदार कराने के लिए शुरू की गई होप ऑन-होप ऑफ (हो-हो) बस सेवा एक महीने में फेल हो गई। पर्याप्त पर्यटक नहीं मिलने से बसें आधी खाली चल रही हैं। अब बसों को संचालन के लिए निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है।
मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने 4 नवंबर को आई लव सेल्फी पॉइंट पर हरी झंडी दिखाकर पांच हो-हो बसों का संचालन शुरू किया था। आगरा-मथुरा सिटी ट्रांसपोर्ट की ये ई-बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। प्रत्येक बस की कीमत करीब 2 करोड़ रुपये है। प्रत्येक बस में 28 सीट हैं। संचालन के लिए दो रूट हैं। 250 से 350 रुपये तक प्रति यात्री किराया है। पांच बसों में रोज करीब 150 पर्यटकों का लक्ष्य था, लेकिन 60 से 70 पर्यटक रोज नहीं मिल पा रहे। ऐसे में हो-हो बसों को खर्चा निकालने के लिए चौराहों से यात्रियों को बैठाना पड़ रहा है।
चीफ ऑपरेटिंग आफिसर अभय सिंह ने बताया कि हो-हो बसों के संचालन के लिए स्मार्ट सिटी ने वेंडर आमंत्रित किए थे। तीन वेंडर ने आवेदन किया है। वेंडर्स ही बसों का संचालन करेंगे। बस पर 58 रुपये प्रति किमी खर्च है। 4 रुपये प्रति किमी ड्राइवर व अन्य खर्च है। पांच बसों से रोज करीब 25 से 30 हजार रुपये आय का अनुमान है। वर्तमान में 14 से 15 हजार रुपये प्रतिदिन बसों से आय हो पा रही है।
ये बनाए थे रूट
हो-हो बसों का संचालन कैंट रेलवे स्टेशन से होना था। ताजमहल, आगरा किला, एत्मादउद्दौला, गुरुद्वारा व सिकंदरा स्मारक, आईएसबीटी पर स्टॉपेज था। दूसरा रूट सिकंदरा से फतेहपुर सीकरी तक था। हर एक घंटे पर बसों का संचालन होना था।
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