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शाही जामा मस्जिद में विवाद,
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा की शाही जामा मस्जिद परिसर में शहर मुफ्ती के कार्यालय का ताला काटकर सामान चोरी करने की साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया। तड़के ताला काटने पहुंचे दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास कटर भी मिला। पुलिस का कहना है कि माहौल बिगाड़ने की साजिश की जा रही थी। मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सहित सात-आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है।
शाही जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और शहर मुफ्ती अब्दुल खुबैब रूमी के बीच विवाद चल रहा है। मस्जिद में चौपाल लगाने पर पिछले दिनों शहर मुफ्ती सहित 4 लोगों के विरुद्ध इंतजामिया कमेटी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद मुफ्ती समर्थकों ने कमेटी के पदाधिकारियों पर रिपोर्ट दर्ज करा दी। सोमवार की सुबह फजर की नमाज के समय दो युवकों को पुलिस ने सूचना पर ताला काटने से पहले दबोच लिया।
इंस्पेक्टर मंटोला सत्यदेव शर्मा ने बताया कि राम बरात से एक दिन पहले माहौल बिगाड़ने की साजिश रची गई थी। ताला काटने के लिए आए आरोपियों में नाई की मंडी निवासी मोहम्मद दानिश व कटरा खान छत्ता निवासी बिलाल शामिल हैं। आरोपियों ने बताया कि उन्हें शहर मुफ्ती के दफ्तर का ताला काटकर वहां सामान चोरी करना था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने, नुकसान पहुंचाने के लिए प्रवेश करना, चोरी करना, अपराध करने की दिशा का कार्य करना व आपराधिक षड्यंत्र के तहत केस दर्ज किया है। मुकदमे में कांग्रेस नेता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी, जिशान उर्फ अली शान और 8-10 अज्ञात लोगों का भी जिक्र है।
एसीपी की भूमिका ठीक नहीं
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी का कहना है कि उन्हें फंसाने की साजिश की गई है, क्योंकि वह शहर मुफ्ती के पक्ष में हैं। उनकी कॉल डिटेल निकाली जाए। मामले की जांच दूसरी एजेंसी कराई जाए। इसमें एसीपी छत्ता की भूमिका भी ठीक नहीं है। वहीं शहर मुफ्ती खुबैब रूमी का कहना है कि पुलिस किसके इशारे पर काम कर रही है किसी से छिपा नहीं हैं। उनके समर्थक क्यों चोरी कराएंगे।
पुख्ता साक्ष्य मिले
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि पुलिस ने दो लोगों की गिरफ्तारी पुख्ता साक्ष्यों पर की है। पुलिस के पास डिजिटल साक्ष्य भी हैं। ऑडियो रिकाॅर्डिंग हैं।
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