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मैनपुरी। मैनपुरी बार एसोसिएशन के 27 जनवरी 2023 को हुए चुनाव को ही वैध माना गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव श्रीमंतो सेन ने अध्यक्ष आनंद कुमार यादव की पिटीशन पर सुनवाई करने के बाद उनकी कमेटी को ही मान्यता दे दी है। 22 दिसंबर 2022 को हुए चुनाव को अवैध माना गया है। यह बातें अध्यक्ष आनंद यादव तथा सचिव सुजीत शर्मा ने कचेहरी रोड पर बृहस्पतिवार की शाम पत्रकार वार्ता में कहीं।उन्होंने बताया कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आदेशों को धता बताकर मनमाने तरीके से वरिष्ठ समिति को नजरंदाज करके 22 दिसंबर 2022 को चुनाव कराया गया। इसमें सौरभ यादव ने खुद को अध्यक्ष तथा संतोष यादव ने खुद को सचिव घोषित करा लिया। मॉडल बायलॉज से चुनाव नहीं कराया गया। कई ऐसे लोगों ने मतदान प्रक्रिया में भाग लिया जो वकालत नहीं करके दूसरी जगह नौकरी कर रहे हैं। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को गुमराह करके अपने पक्ष में मनमाने आदेश पारित कराए हैं।
उन्होंने बताया कि सौरभ यादव ने डीजीसी फौजदारी पर जानलेवा हमला किया। आनंद यादव के चैंबर पर कब्जा किया, जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। गालियां देने वाले वीडियो वायरल हुए, जिनको पिटीशन के साथ दाखिल किया गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव श्रीमंतो सेन ने अध्यक्ष आनंद कुमार यादव की पिटीशन पर सुनवाई करने के बाद आनंद यादव अध्यक्ष तथा सुजीत शर्मा सचिव वाली कमेटी को ही मान्यता दे दी है। 22 दिसंबर 2022 को हुए चुनाव को अवैध माना गया है। इस मौके पर राजीश कुमार यादव, अजय कृष्ण पांडेय, पवन मिश्रा, संदीप त्रिपाठी मौजूद रहे।
आठ लोगों को भेजा गया नोटिस
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव श्रीमंतो सेन ने आठ लोगों को नोटिस जारी किए हैं। उनसे मॉडल बायलॉज के अनुसार चुनाव नहीं कराने के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा गया है। बार काउंसिल के सचिव ने प्रभात चतुर्वेदी, दर्शनलाल राठौर, सत्यप्रकाश तिवारी, वीरबहादुर सिंह यादव, श्रीकृष्ण मिश्रा, एएच हाशमी, सौरभ यादव, संतोष यादव को 15 दिन में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।
चार मार्च को होगी अगली सुनवाई
बार काउंसिल ऑफ इंडिया में आनंद यादव की याचिका पर अगली सुनवाई चार मार्च को की जाएगी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव ने यह जानकारी अपने आदेश में दी है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद मैनपुरी बार एसोसिएशन का मामला एक बार फिर गरमा गया है।
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