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आगरा में अब प्रधान टीबी मरीजों को खोजेंगे और पहचान कर उनकी जांच कराएंगे। ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त बनाएंगे। इसके लिए आशाओं से सात सवाल पूछे जाएंगे। एक साल में पांच में से तीन मानकों पर खरा उतरने पर गांव टीबी मुक्त कहलाएंगे। इसके लिए 35 चिकित्साधिकारियों को मोती कटरा स्थित स्टेट टीबी एंड डिमोंस्ट्रेशन सेंटर में तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का प्रशिक्षण लेने वाले चिकित्साधिकारियों को बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि टीबी मरीजों को खोजने और उन्हें जांच के लिए प्रधान प्रेरित करेंगे। आशाओं संग मिलकर सरकारी व गैर सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाएंगे। प्रधान को प्रत्येक माह विलेज हेल्थ सेनिटेशन एंड न्यूट्रिशन कमेटी (वीएचएसएनसी) की बैठक करनी होगी। इसमें आशाओं से सात सवाल पूछने होंगे। जिन्हें एक पुस्तिका में दर्ज करना होगा। इसकी निगरानी होगी। अगर वर्ष निर्धारित पांच में से तीन मानक पूरे हुए तो गांव को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा।
एसटीडीसी के निदेशक डॉ. संजीव लवानियां ने बताया कि 30 अक्टूबर से एक नवंबर तक प्रशिक्षण आयोजित हुआ। एसटीडीसी के कंसल्टेंट डॉ. भरत बजाज ने डीएसटीबी के ओवरव्यू और डॉ. प्रकाश चंद्र ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के बारे में प्रशिक्षण दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. उमर एमएच आकिल और डॉ. एझिल अर्सन आदि मौजूद रहे।
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आशा से ग्राम प्रधान पूछेंगे यह सवाल
– गांव में कितने टीबी रोगियों की जांच की गई।
– महीने में कितने टीबी रोगी चिह्नित किए।
– चिह्नित मरीजों में से कितने इलाज ले रहे हैं।
– मरीजों के कितने संपर्क जो बचाव की दवा ले रहे हैं।
– निक्षय पोषण में कितने मरीजों को भत्ता मिल रहा।
– क्या आशा डायरी में टीबी सूचकांक दर्ज किये जा रहे हैं या नहीं
– क्या टीबी संबंधी जागरूकता सामग्री साझा की जा रही है या नहीं
ऐसे घोषित होंगी टीबी मुक्त पंचायतें
डीटीओ ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए पांच मानकों में पहला मानक पूरा करना अनिवार्य है। जिसमें प्रति हजार आबादी पर 30 मरीजों की जांच, प्रति हजार आबादी पर एक मरीज पंजीकरण होने पर, पिछले वर्ष चिन्हित 85 फीसदी टीबी मरीज ठीक हो चुके हों, कम से कम 60 फीसदी टीबी मरीजों की ड्रग सेंस्टिविटी की जांच की जा चुकी हो आदि में कोई 3 मानक पूर्ण करने पर पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा।
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