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कासगंज। ज्यों ज्यों दवा दी, मर्ज बढ़ता गया। यह कहावत जिले में टीबी रोग के बारे में पूरी तरह से सही साबित हो रही है। टीबी रोग को जड़ से समाप्त करने के बाद भी इस गंभीर बीमारी पर रोक लगना तो दूर की बात रही, मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है।। शासन से टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मात्र दो साल का ही समय शेष रह गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए शासन से निक्षय पोषण योजना भी चलाई जा रही है। इस योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह मरीज को छह माह तक दिए जाते हैं। इसके साथ ही शासन से मरीजों को गोद लेने के भी प्रावधान हैं। अधिकारी मरीजों को गोद लेकर उनका पोषण करते हैं। निक्षय मित्र योजना के माध्यम से भी मरीजों को गोद लिया जा रहा है। 1037 मरीजों को निक्षय मित्र गोद ले भी चुके हैं।
टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अब हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इन सभी व्यवस्थाओं के बाद मरीजों की संख्या में गिरावट आने के स्थान पर तेजी से उछाल आ रहा है। जिले में मरीजों की संख्या के पांच साल के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं। वर्ष 2022 में मरीजों की संख्या में तेजी से उछाल देखा गया। वर्ष 2021 के सापेक्ष 2022 में 707 अधिक मरीज चिंहित हुए। वहीं वर्ष 2023 के डेढ़ माह में ही 295 टीबी रोग से संक्रमित मरीज मिल चुके है। इस समय 1623 मरीजों का विभाग इलाज कर रहा है। जिले में लगातार मिल रहे टीबी मरीजों से वर्ष 2025 तक इस बीमारी को जड़ से समाप्त करना किसी चुनौती से कम नजर नहीं आ रहा।
टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं7। टीबी के लक्षणों को छिपाने के स्थान पर जांच करानी चाहिए। जिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच की व्यवस्था है। छह माह तक नियमित दवा का सेवन करने से टीबी को मात दी जा सकती है- डॉ. अतुल सारस्वत, जिला क्षयरोग अधिकारी
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