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मलपुरा थाना पुलिस ने पकड़ा गांजा
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जीजा इकरार व साले काजिम के अपहरण कांड में शामिल आगरा कैंट के टैक्सी चालक भूरा को पुलिस तीन माह बाद भी नहीं पकड़ सकी है। वहीं अपहरण में शामिल पांचवे आरोपी की पहचान तक नहीं हो सकी है। हालांकि रेलवे ने विभागीय जांच के बाद आरोपी आरपीएफ कर्मियों को बर्खास्त किया गया है।
मलपुरा थाना क्षेत्र के अभयपुरा गांव में 13 दिसंबर 2022 को आरोपी आरपीएफ आगरा कैंट के दरोगा सुरेश चौधरी, सिपाहियों पारुल यादव व नीरज की गिरफ्तारी की गई थी। जांच में सामने आया था कि बोलेरो में वर्दीधारियों सहित पांच लोग आए थे। वह जीजा-साले को धमका कर अगवा कर ले गए थे। राजा मंडी पुलिस चौकी में यातनाएं देकर फिरौती मांगी थी।
पुलिसकर्मियों का कारखास था भूरा
पुलिस की जांच में आगरा कैंट पर टैक्सी चलाने वाले भूरा का नाम सामने आया था। वह इन पुलिसकर्मियों का कारखास था। आरोपी पुलिसकर्मी भूरा को साथ लेकर ही चलते थे। भूरा का आगरा कैंट के प्रीपेड टैक्सी बूथ पर भी खासा दबदबा था, लेकिन अपहरण कांड में उसका नाम प्रकाश में आने के बाद से ही वह फरार है।
दरोगा सहित तीन पुलिसकर्मी बर्खास्त
पुलिस ने भी कई बार दबिश दी मगर वह हाथ नहीं लग सका है। पांचवां आरोपी भी आरपीएफ का सिपाही बताया गया था, लेकिन वारदात के तीन माह गुजरने के बाद भी उसकी पहचान भी नहीं हो सकी है। दूसरी ओर, आरपीएफ ने विभागीय जांच के बाद आरोपी दरोगा सहित तीनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया।
यह था पूरा मामला
आरपीएफ आगरा कैंट पोस्ट पर तैनात दरोगा सुरेश चौधरी व दो सिपाहियों ने मलपुरा के गांव अभयपुरा से इकरार व उसके साले काजिम को धमकी देकर उठाया था। इसके बाद राजा की मंडी आरपीएफ चौकी पर इकरार को पीटने के बाद व्हाट्सएप कॉल करके तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इस मामले में पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह के निर्देश पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा था।
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