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मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान व चिकित्सालय में इलाज के बाद 35 वर्षीय मूक-बधिर मरीज 12 साल बाद अपने घर वापस जाएगी। मरीज को सिजोफ्रेनिया बीमारी होने पर वर्ष 2011 में बागपत की पुलिस ने संस्थान में भर्ती कराया था। इलाज के बाद वह ठीक हो गई और इशारों में अपने परिवार के बारे में जानकारी दी। विशेषज्ञ ने लिप रीडिंग आदि से उसका पता व अन्य जानकारी जुटाई।
संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि मरीज को भर्ती कराया गया तो वह तरह-तरह की हरकतें करती थी। भूलने की बीमारी भी थी। थेरेपिस्ट मीना पाठक ने मरीज को चुनौती के रूप में लिया और उसका पता लेकर संबंधित थाने की पुलिस को भेजा। मरीज असोम की रहने वाली है। पुलिस ने पता सत्यापित कर दिया।
मरीज के भाई का नंबर दिया। निदेशक ने उससे बात की। भाई अपनी बहन को लेने के लिए आगरा आ गया है। वह शुक्रवार को मरीज को अपने साथ ले जाएगा। मरीज के परिवार के लोग गरीब हैं। उनके आने का खर्च भी संस्थान की ओर से दिया गया।
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