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ओवरब्रिज में दरार
– फोटो : Amar Ujala
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आगरा कैंट और राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के बीच बने इस आरओबी का निर्माण 1970 में हुआ था। लोहे के इस पुल को 50 साल हो गए। 2019 में इस पुल को पीडब्ल्यूडी ने अनफिट घोषित किया था। भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित करने के लिए बैरियर लगाया। रेलवे ने पुल की रंगाई-पुताई और मरम्मत की। पुल जर्जर है। कालीबाड़ी निवासी डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने आरटीआई में रेलवे से सूचना मांगी।
आरटीआई में रेलवे ने पुल को अनफिट बताया, लेकिन हादसे का खतरा होने से इनकार किया है। ऐसे में सवाल खड़े हो गए हैं। पुल अनफिट है तो फिर खतरा क्यों नहीं। भारी वाहनों के लिए पुल प्रतिबंधित है तो क्या पुल कमजोर नहीं कहलाएगा। इन सवालों के जवाब न प्रशासन दे रहा, न रेलवे के अधिकारी। ऐसे में क्या हादसे की आशंका से इनकार किया जा सकता है।
ये पुल पड़े अधूरे
शाहगंज-रुई की मंडी मार्ग को अर्जुन नगर से जोड़ने वाला आरओबी पांच साल से अधूरा पड़ा है। इसका प्रस्ताव बन चुका है, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। बिचपुरी फाटक पर जाम से निजात के लिए पांच करोड़ से आरओबी प्रस्तावित है, लेकिन इसका भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।
यहां भी खतरा
यमुना किनारा रोड को एत्माउद्दौला स्मारक से जोड़ने वाला यमुना नदी पर बना आंबेडकर पुल भी जर्जर है। 10 साल में 20 बार मरम्मत हो चुकी है। पुल के एक्सपेंशन ज्वाइंट में दरार आ गई हैं। हल्के वाहनों के लिए बने इस पुल पर रेलवे माल गोदाम से सीमेंट की भारी वाहनों से ढुलाई होती है।
यहां है अतिक्रमण
नेशनल हाइवे को रामबाग से जोड़ने वाला जवाहरपुल पर अतिक्रमण है। अवैध बस व ऑटो स्टैंड के कारण पुल पर दिनभर जाम लगा रहता है। पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली हो रही है। पुल की एक लेन पुरानी है। जिसकी मरम्मत की गई थी, लेकिन भारी वाहनों के गुजरने पर पुल हिलता है।
कराएंगे ऑडिट
जिलाधिकारी नवनीत चहल ने कहा कि सभी पुलों का ऑडिट कराया जाएगा। जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जाएगा। ईदगाह पुल के बारे में रेलवे व पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।
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